Edited By Isha,Updated: 17 May, 2018 12:13 PM
कोंगो के उत्तर पश्चिमी शहर मबानदाका में घातक विषाणु एबोला के पहले संक्रमण की पुष्टि हो जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग चौकन्ना हो गया है और इसे नए दौर के संक्रमण के तौर पर देखा जा रहा है।
किंशासा/ जिनेवाः कोंगो के उत्तर पश्चिमी शहर मबानदाका में घातक विषाणु एबोला के पहले संक्रमण की पुष्टि हो जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग चौकन्ना हो गया है और इसे नए दौर के संक्रमण के तौर पर देखा जा रहा है।
देश में दूरदराज के क्षेत्रों में इस विषाणु के संक्रमण से अब तक 23 लोगों की मौत हो गई है लेेकिन शहरी क्षेत्र में संक्रमण का यह पहला मामला है। इसे इसलिए भी काफी खतरनाक माना जा रहा है क्योंकि इस शहर की आबादी दस लाख से अधिक है और यह भीड़ वाला क्षेत्र है जहां अधिक जनसंख्या है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस बात को लेकर ङ्क्षचतित है कि अगर शहर में इस विषाणु का संक्रमण फैलना शुरू हो जाता है तो इसे रोकना काफी मुश्किल हो जाएगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी शहर में इस विषाणु के संक्रमण पर चिंता जताते हुए कहा कि इसकेे प्रसार को रोकना काफी कठिन काम होगा।
यह शहर कोंगो नदी के किनारे बसा है जहां से लोग राजधानी किंशासा में व्यापार और यातायात के लिए जाते हैं स्वास्थ्य मंत्री ओली इलुंगा कालेंगा ने एक बयान में कहा कि हम एबोला संक्रमण के एक नए दौर में प्रवेश कर रहे हैं जो तीन क्षेत्रों को एक साथ प्रभावित कर रहा है। इसके बाद से ही महामारी विशेषज्ञों की टीम ने इस क्षेत्र में जाकर लोगों की जांच करनी शुरू कर दी है। कोंगों में एबोला विषाणु का पहला संक्रमण एबोला नदी के किनारे वाले क्षेत्रों में 1970 के दशक में हुआ था और इस बार यह नौंवा संक्रमण हैं। यह विषाणु काफी घातक माना जाता है और प्रभावित व्यक्ति के शरीर में आंतरिक तथा बाहरी रक्तस्राव होने से दर्दनाक मौत होती है। यह विषाणु आपसी संपर्क से फैलता है।