ISI चीफ की नियुक्ति पर पाक सरकार और सेना में फंसा पेंच, खतरे में PM इमरान की कुर्सी

Edited By Updated: 16 Oct, 2021 03:25 PM

isi chief appointment issue to be resolved in a week pak interior minister

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद के बीच ISI के नए प्रमुख की नियुक्ति को लेकर मतभेद सामने आए हैं ...

इस्लामाबादः पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद के बीच ISI के नए प्रमुख की नियुक्ति को लेकर मतभेद सामने आए हैं। पाकिस्तानी सेना ने पिछले सप्ताह ने 6 अक्टूबर को घोषणा करते हुए   लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अहमद अंजुम को खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस का नया प्रमुख नियुक्त किया था। हालांकि प्रधानमंत्री इमरान खान के कार्यालय (PMO) ने अंजुम की नियुक्ति की अधिसूचना जारी नहीं की है जिसके बाद से सरकार और सेना के बीच पेंच फंसने  की बात कही जा रही है।

 

अगर यह मामला  आगे बढ़ता है तो पाकिस्‍तान में एक बड़ा संवैधानिक संकट खड़ा हो सकता है। इस विवाद की आंच वहां की लोकतांत्रिक सरकार तक पहुंच सकती है। कहा जा रहा है कि पाकिस्‍तानी फौज संवैधानिक प्रावधानों का अतिक्रमण कर रही है। उधर, पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री लगातार ISI प्रमुख की नियुक्त मामले में कानूनी प्रावधानों का जिक्र कर रहे हैं। सवाल ये है कि इस पेंच के चलते क्‍या पाकिस्‍तान की निर्वाचित सरकार असुरक्षित है  और क्‍या इमरान खान प्रधानमंत्री की कुर्सी खतरे में है । विषलेश्कों का कहना है कि  प्रधानमंत्री इमरान देश की आंतरिक और वाह्य समस्‍याओं को सुलझाने में नाकाम रहे हैं।

 

पाकिस्‍तान में कोरोना महामारी से निपटने में इमरान सरकार की विफलता के साथ कई ऐसे कारण हैं, जो उनके ग्राफ को नीचे गिराते हैं। कूटनीतिक मोर्चे पर तो वह पूरी तरह से विफल रहे हैं। पुलवामा आतंकी हमला हो या अनुच्‍छेद 370 का मसला, भारत ने पाकिस्‍तान को कूटनीतिक मोर्चे पर मात दी है। इमरान के कार्यकाल में अमेरिका से रिश्‍ते एकदम नीचे चले गए हैं। प्रधानमंत्री बनने के बाद देश की आर्थिक व्‍यवस्‍था बद से बदतर हो गई है। बेरोजगारी और महंगाई चरम पर है। सेना के लिए यह एक अनुकूल स्थिति है इसलिए यह संदेह करना लाजमी है कि इमरान को सत्ता से बेदखल किया जा सकता है।

 

ISI के नए प्रमुख के मुद्दे पर शुरुआती चुप्पी के बाद सरकार ने इसी हफ्ते  सफाई देते हुए कहा था कि महत्वपूर्ण नियुक्ति करते समय PM खान से ठीक से सलाह नहीं ली गई थी। इस सप्ताह की शुरुआत में सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा था कि प्रधानमंत्री को जासूस प्रमुख नियुक्त करने का अधिकार है और परामर्श प्रक्रिया पूरी हो गई है और जल्द अधिसूचना जारी की जाएगी। द डान अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार गृह मंत्री शेख राशिद ने एक निजी टीवी चैनल को बताया कि देश के नागरिक और सैन्य नेतृत्व के बीच इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझा लिया गया है और अब (ISI प्रमुख की  नियुक्ति अगले शुक्रवार से पहले हो जाएगी।

 

देरी के कारणों के बारे में पूछे जाने पर आंतरिक मंत्री ने कहा कि वह इसका कारण जानते हैं पर उन्हें सार्वजनिक नहीं कर सकते क्योंकि केवल प्रधानमंत्री खान ही लोगों को इस मामले से अवगत करा सकते हैं। मंत्री ने कहा कि देश में असैन्य और सैन्य नेतृत्व के बीच कोई मतभेद नहीं है और दोनों पक्ष अपने निर्णय से संतुष्ट हैं। उन्होंने मीडिया में आई खबरों और सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के नेशनल असेंबली में मुख्य सचेतक आमिर डोगर के एक बयान को भी खारिज कर दिया कि पीएम खान चाहते थे कि लेफ्टिनेंट जनरल फैज पड़ोसी देश अफगानिस्तान में गंभीर स्थिति के कारण कुछ और समय अपने कार्यालय में बने रहें।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!