Edited By Mansa Devi,Updated: 11 Dec, 2025 04:37 PM

दिसंबर 2025 में व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे ने रक्षा क्षेत्र में कई अहम समझौतों को जन्म दिया। इस दौरान रूस और भारत के बीच Su-57 स्टील्थ फाइटर जेट पर समझौता हुआ, जिसे भारतीय सेना के लिए बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। लेकिन इसी समय अमेरिका ने पाकिस्तान...
नेशनल डेस्क: दिसंबर 2025 में व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे ने रक्षा क्षेत्र में कई अहम समझौतों को जन्म दिया। इस दौरान रूस और भारत के बीच Su-57 स्टील्थ फाइटर जेट पर समझौता हुआ, जिसे भारतीय सेना के लिए बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। लेकिन इसी समय अमेरिका ने पाकिस्तान को एक डिफेंस पैकेज की मंजूरी देकर भारत के सामने नई चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं।
15 साल और बढ़ जाएगी F-16 की लाइफ
संयुक्त राज्य अमेरिका ने पाकिस्तान को उसके F-16 लड़ाकू विमानों के बेड़े के लिए लगभग 686 मिलियन डॉलर के उपकरण और सेवाओं की डील दी है। इसमें आधुनिक आइडेंटिफिकेशन सिस्टम, सुरक्षित संचार उपकरण, नेविगेशन सिस्टम, मिशन प्लानिंग टूल, मिसाइल एडैप्टर और कई इलेक्ट्रॉनिक सुरक्षा मॉड्यूल शामिल हैं। इसके तहत पाकिस्तान को 92 Link-16 सिस्टम और 6 Mk-82 इनर्ट 500 पाउंड बम भी मिलेंगे। इस डील के साथ F-16 Block-52 और MLU (Mid Life Upgrade) विमानों की उम्र 15 साल तक बढ़ जाएगी। इसका मतलब है कि पाकिस्तान के F-16 और भी आधुनिक और सक्षम हो जाएंगे। इसके अलावा, पाकिस्तान और अमेरिकी वायुसेना के बीच ट्रेनिंग और ऑपरेशंस का समन्वय भी और बेहतर होगा।
भारत की क्यों बढ़ी टेंशन?
भारत के लिए चिंता का मुख्य कारण है Link-16 सिस्टम। यह नाटो देशों के स्तर की सूचना और कमांड साझा करने की क्षमता देता है। भारत अब तक इस तकनीक के लिए रूस और इज़राइल पर निर्भर रहा है। 2019 के बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद अमेरिका ने पाकिस्तान को डिफेंस उपकरण देने से मना किया था, लेकिन अब यह नीति बदल गई है। हालांकि भारत का Su-57 रूसी फिफ्थ जेनरेशन एयरक्राफ्ट F-16 से तकनीकी रूप से कम नहीं है, लेकिन Link-16 और अन्य मॉडर्न अपग्रेड की वजह से पाकिस्तान की हवाई ताकत में वृद्धि भारत के लिए चिंता का विषय बनी है।
कब-कब डाउन हो चुका है F-16?
F-16 की विश्वसनीयता पर सवाल भी उठते रहे हैं। दिसंबर 2025 में कैलिफोर्निया में एक F-16C थंडरबर्ड्स अभ्यास उड़ान के दौरान क्रैश हुआ। इसी तरह, अगस्त 2025 में पोलैंड और जनवरी 2024 में दक्षिण कोरिया में भी F-16 विमान हादसे का शिकार हुए। इस डील के बाद दक्षिण एशिया के हवाई सुरक्षा समीकरण में बदलाव देखने को मिलेगा और भारत को अपनी रणनीति में नए समायोजन करने होंगे।