Edited By Tanuja,Updated: 17 Nov, 2021 02:47 PM
अल अरेबिया पोस्ट में प्रकाशित एक रिपोर्ट में अफगानिस्तान में पाकिस्तान की हरकतों की पोल खोली गई है। इसमें कहा गया है कि...
इंटरनेशनल डेस्कः अल अरेबिया पोस्ट में प्रकाशित एक रिपोर्ट में अफगानिस्तान में पाकिस्तान की हरकतों की पोल खोली गई है। इसमें कहा गया है कि अफगानिस्तान की दशा दुर्दशा के लिए पाकिस्तान पूरी तरह जिम्मेदार है। वह तालिबान का जनक, संगठक व सलाहकार सब कुछ है। तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान में मौजूदा मानवीय संकट के लिए भी वही जिम्मेदार है। पाकिस्तान अफगानी लोगों की मदद के नाम पर तालिबानी सरकार को वैश्विक मान्यता दिलाने की पहल एक औजार के रूप में कर रहा है।
अल अरेबिया ने रिपोर्ट में कहा है कि अफगानिस्तान पर कब्जा कर चुका तालिबान देश के लोगों की देखभाल करने में विफल रहा है। संयुक्त राष्ट्र ने चेताया था कि अफगानिस्तान की लगभग आधी आबादी वर्तमान समय से लेकर अगले साल मार्च तक भुखमरी के संकट से जूझेगी। अल अरेबिया के अनुसार अफगानिस्तान पर मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (OCHA) की नवीनतम रिपोर्ट में सशर्त मानवतावाद या राजनीतिक उद्देश्यों के लिए मानवीय सहायता का लाभ उठाने के प्रयासों के बारे में चिंता दर्शाई है।
इसके अलावा महिलाओं, बच्चों और विकलांगों समेत लोगों के लिए संरक्षण और सुरक्षा के जोखिम भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच रहे हैं। तालिबान द्वारा वर्षों से की जा रही हिंसा को अफगानी लोगों ने स्वीकार किया है और छोटे-छोटे स्तर पर प्रतिरोध किया जा रहा है। यह बदलाव के पिछले 20 वर्षों का एक स्वाभाविक परिणाम है, जिसे अफगानिस्तान ने 2001 से देखा है। इस बीच IFFRAS के आंकड़ों से पता चलता है कि 95 फीसदी से अधिक अफगानों के पास खाने के लिए पर्याप्त भोजन नहीं है।
शुरू से ही तालिबान का पालन पोषण, संगठित करने और समर्थन करने वाले पाकिस्तान के लिए अफगान लोगों के प्रति एक बड़ी जिम्मेदारी है। अल अरेबिया पोस्ट के अनुसार, यदि पाकिस्तान अफगान लोगों की मदद करने के लिए गंभीर है तो उसे भारत से अपने क्षेत्र में मानवीय सहायता के पारित होने की अनुमति देनी चाहिए। भारत ने सड़क के रास्ते से 50 हजार टन गेहूं भेजने का प्रस्ताव रखा है। अल अरबिया पोस्ट ने बताया, यह 2001 के बाद से अफगानिस्तान में देखे गए बीस वर्षों के बदलाव का एक स्वाभाविक परिणाम है।