Edited By Tanuja,Updated: 14 Jul, 2021 11:35 AM
उच्चतम न्यायालय के दखल के बाद नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा मंगलवार को आधिकारिक तौर पर पांचवीं बार देश के
काठमांडू: उच्चतम न्यायालय के दखल के बाद नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा मंगलवार को आधिकारिक तौर पर पांचवीं बार देश के प्रधानमंत्री बने। उनके नियुक्त पत्र को लेकर विवाद पैदा हो गया था जिस वजह से शपथ ग्रहण समारोह दो घंटे देरी से आयोजित हुआ। यहां राष्ट्रपति दफ्तर शीतल निवास में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने 75 वर्षीय वरिष्ठ राजनीतिक नेता को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। नियुक्ति पत्र को लेकर हुए विवाद की वजह से शपथ ग्रहण समारोह रात करीब सवा आठ बजे आयोजित हुआ जिसे शुरू में शाम छह बजे (भारतीय समयानुसार पौने छह बजे) आयोजित होना था।
- यह पांचवीं बार है जब देउबा ने नेपाल के प्रधानमंत्री के तौर पर सत्ता में वापसी की है।
- इससे पूर्व देउबा चार बार- पहली दफा सितंबर 1995- मार्च 1997
- दूसरी बार जुलाई 2001- अक्टूबर 2002
- तीसरी बार जून 2004- फरवरी 2005
- और चौथी बार जून 2017- फरवरी 2018 तक- प्रधानमंत्री रह चुके हैं।
नेपाली कांग्रेस ने राष्ट्रपति के दफ्तर के उस बयान पर आपत्ति जताई जिसमें उस संवैधानिक प्रावधान का उल्लेख नहीं था जिसके तहत देउबा को प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है। प्रधान न्यायाधीश चोलेंद्र शमशेर राणा की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ ने अपने आदेश में कहा था कि देउबा को संविधान के अनुच्छेद 76(5) के तहत प्रधानमंत्री नियुक्त किया जाना चाहिए। अनुच्छेद 76 (5) के अनुसार, प्रतिनिधि सभा का कोई भी सदस्य जो यह आधार प्रस्तुत करता है कि वह सदन में विश्वास मत हासिल कर सकता है, उसे प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया जाता है। देउबा द्वारा एक नए नियुक्ति नोटिस पर जोर देने पर, राष्ट्रपति भंडारी ने उनकी शर्त पर सहमत होते हुए उन्हें संविधान के अनुच्छेद 76 (5) के तहत प्रधानमंत्री नियुक्त किया और अंतिम समय की अड़चन को दूर किया। इससे पहले 69 वर्षीय ओली ने शीर्ष अदालत पर विपक्षी पार्टियों के पक्ष में ‘जानबूझकर' फैसला पारित करने का आरोप लगाया।
देउबा की नियुक्ति ने केपी शर्मा ओली के प्रधानमंत्री के रूप में साढ़े तीन साल के कार्यकाल पर विराम लगा दिया। ओली ने शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा नहीं लिया। देउबा की छोटी कैबिनेट के हिस्से के तौर पर चार नए मंत्रियों ने भी शपथ ली है जिनमें नेपाली कांग्रेस (नेकां) और सीपीएन-माओइस्ट सेंटर के दो-दो सदस्य शामिल हैं। नेकां के बालकृष्ण खंड और ज्ञानेंद्र बहादुर कार्की ने क्रमशः गृह मंत्री और कानून तथा संसदीय कार्य के मंत्री के रूप में शपथ ली है। माओइस्ट सेंटर से पम्फा भुषाल और जनार्दन शर्मा को क्रमश: ऊर्जा मंत्री और वित्त मंत्री नियुक्त किया गया है।इस मौके पर प्रधान न्यायाधीश राणा, सीपीएन-माओइस्ट सेंटर के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' और सीपीएन-यूएमएल के वरिष्ठ नेता माधव कुमार नेपाल भी मौजूद थे।