यूक्रेन विवाद- पुतिन ने दी न्यूक्लियर अटैक की धमकी...अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों के हौसले पड़े पस्त

Edited By Seema Sharma,Updated: 25 Feb, 2022 05:04 PM

ukraine dispute  putin threatens nuclear attack

दुनिया के किसी नेता द्वारा खुलेआम परमाणु हथियारों (nuclear weapons) का इस्तेमाल करने की धमकी दिए जाने को काफी अरसा बीत चुका है, लेकिन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आखिरकार ऐसा कर ही दिया।

इंटरनेशनल डेस्क: दुनिया के किसी नेता द्वारा खुलेआम परमाणु हथियारों (nuclear weapons) का इस्तेमाल करने की धमकी दिए जाने को काफी अरसा बीत चुका है, लेकिन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आखिरकार ऐसा कर ही दिया। उन्होंने अपने हालिया संबोधन में चेतावनी दी कि अगर कोई रूस को यूक्रेन पर कब्जा करने से रोकने की हिमाकत करता है तो उनके (मास्को के) पास जवाब देने के लिए परमाणु हथियार उपलब्ध हैं। उनकी इस धमकी ने सबका ध्यान आकर्षित किया है। लोगों के मन में यह सवाल आ रहे हैं कि क्या यूक्रेन पर कब्जे की पुतिन की महत्वाकांक्षा किसी हादसे या गलत अनुमान की वजह से परमाणु युद्ध को हवा दे सकती है।

 

यूक्रेन पर हमले से पहले गुरुवार के अपने संबोधन में पुतिन ने कहा था, “तत्कालीन सोवियत संघ के विघटन के बाद सैन्य लिहाज से अपनी क्षमताओं का एक बड़ा हिस्सा खोने के बाद भी रूस आज दुनिया के सबसे ताकतवर परमाणु देशों में एक है। उन्होंने कहा था कि रूस कई अत्याधुनिक हथियारों के लिहाज से भी बेहद मजबूत स्थिति में है। इसके मद्देनजर किसी को भी कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि किसी भी संभावित हमलावर को हार का सामना करना पड़ेगा और हमारे देश पर हमला करने के बेहद घातक अंजाम भुगतने होंगे।” परमाणु प्रतिक्रिया के संकेत देकर पुतिन ने उन आशंकाओं को बल दे दिया है कि यूक्रेन में जारी लड़ाई आगे चलकर रूस और अमेरिका के बीच परमाणु युद्ध में तब्दील हो सकती है।

 

महाविनाश के इस मंजर से वे लोग वाकिफ हैं, जो शीतयुद्ध काल में बड़े हुए, जब अमेरिकी छात्रों से परमाणु सायरन बजने पर स्कूल में अपनी डेस्क के नीचे छिपने के लिए कहा जाता था। हालांकि, बर्लिन की दीवार ढहने और तत्कालीन सोवियत संघ के विघटन के बाद यह खतरा धीरे-धीरे खत्म हो गया था, जब दोनों शक्तियां निरस्त्रीकरण, लोकतंत्र और समृद्धि की राह पर बढ़ने लगी थीं। यही नहीं, 1945 के बाद से किसी भी देश ने परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया है। उस साल अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति हैरी ट्रूमैन ने जापान पर इस यकीन के साथ परमाणु बम गिराने के आदेश दिए थे कि यह द्वितीय विश्व युद्ध को जल्द समाप्त करने का सबसे कारगर तरीका होगा। इस कदम ने द्वितीय विश्व युद्ध को खत्म भी किया, लेकिन हिरोशिमा और नागासाकी में लगभग 2,00,000 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर आम आदमी थे। आज भी, दुनियाभर में कई लोग इसे मानवता के खिलाफ अपराध मानते हैं और सवाल करते हैं कि क्या परमाणु हमला करना जरूरी था।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!