Edited By Niyati Bhandari,Updated: 20 Jul, 2019 01:05 PM
राज्य सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि अमरनाथ यात्रा में लगे जाम की वजह से उसे एम्बुलैंस में अपने पिता के शव के साथ कई घंटों तक फंसे रहना पड़ा। यह मामला श्रीनगर-जम्मू नैशनल हाईवे का है।
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श्रीनगर (मजीद): राज्य सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि अमरनाथ यात्रा में लगे जाम की वजह से उसे एम्बुलैंस में अपने पिता के शव के साथ कई घंटों तक फंसे रहना पड़ा। यह मामला श्रीनगर-जम्मू नैशनल हाईवे का है। जम्मू-कश्मीर सरकार के डायरैक्टर फाइनैंस इम्तियाज वानी ने बताया कि वह अपने पिता के शव को जम्मू से श्रीनगर ले जा रहे थे, लेकिन अमरनाथ यात्रियों के काफिले की वजह से उनकी एम्बुलैंस को जबरदस्ती रोक दिया गया। पुलिस का कहना है कि तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। बता दें कि प्रशासन ने जम्मू और श्रीनगर हाईवे के बीच लोकल यात्रा पर 46 दिनों तक हर दिन 5 घंटे का प्रतिबंध लगाया है। ऐसा अमरनाथ यात्रा की वजह से किया गया है।
वहीं इम्तियाज वानी ने सोशल मीडिया पर गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि जम्मू से श्रीनगर जाते समय सभी नागरिक अधिकार अमरनाथ यात्रा के अधीन हैं। मुझे अपने पिता का शव लेकर नहीं जाने दिया गया। एक आम कश्मीरी की जिंदगी कितनी बुरी है। यात्रा ड्यूटी पर रहे जम्मू-कश्मीर पुलिस के इंस्पैक्टर राकेश ने कह दिया था कि शव को ले जाने की इजाजत नहीं मिल सकती। वानी के पिता का निधन दिल्ली में हुआ था।
तथ्यों को जानने के बाद एम्बुलैंस को दे दी थी जाने की इजाजत: पुलिस प्रवक्ता
वहीं पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि एम्बुलैंस को रोका गया था, क्योंकि उसने काफिले को ओवरटेक करने की कोशिश की थी। इसकी काफिले के कमांडर द्वारा अनुमति नहीं दी गई थी। एम्बुलैंस में मौजूद शख्स ने दावा किया था कि वाहन उसके पिता के शव को ले जा रहा है, लेकिन सुरक्षा अधिकारी चलते हुए काफिले में फैक्ट चैक नहीं कर सकता था, इसलिए वाहन को ओवरटेक करने की अनुमति नहीं दी गई। अधिकारी के तथ्यों को जानने के बाद एम्बुलैंस को जाने की इजाजत दे दी गई।