Edited By ,Updated: 10 Mar, 2016 09:48 AM
गाय को सर्व ब्रह्मांड की माता कहा गया है। गाय से प्राप्त चीजें अमृत रूपी हैं तथा इनमें ही लक्ष्मी का वास होता है। 35 कोटी देवी-देवता इनमें वास करते हैं।
गाय को सर्व ब्रह्मांड की माता कहा गया है। गाय से प्राप्त चीजें अमृत रूपी हैं तथा इनमें ही लक्ष्मी का वास होता है। 35 कोटी देवी-देवता इनमें वास करते हैं। गाय से प्राप्त पंच द्रव्य घी एक ऐसा पदार्थ है जिसमें स्वयं शुक्र और लक्ष्मी अपना वास रखते हैं। घी का उपयोग भारतीय संस्कृति के कर्म-काण्डों में सबसे उत्तम कहा गया है। घी का ऐसा प्रयोग करके कहीं आप लक्ष्मी को दूर तो नहीं कर रहे।
* मांसाहार में घी न डालें।
* कभी भी पुरानी कड़ाई जो काली पड़ गई हो उसमें घी को जलाने अथवा तलने का काम न करें।
* कभी भी स्टील में दीपक न जलाएं।
* अमावस्या के दिन पितरों के निमित घी का उपयोग न करें।
* शिव, गणपति, विष्णु, देवी और सूर्य को घी का दीपक देना चाहिए। इसके अतिरिक्त और किसी देवी-देवता पर घी का दीपक नहीं किया जाता।
* दाह संस्कार में गाय के घी का उपयोग न करें। भैंस अथवा नारियल के घी का उपयोग करें।
* बरगद या पीपल के पेड़ पर घी का दीपक न जलाएं।
आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com