सी.एम.जे. विश्वविद्यालय पर नकली डिग्री बांटने का आरोप

Edited By Updated: 20 Jan, 2018 08:07 PM

cmj university is accused of distributing fake degrees

शहर के आर.टी.आई. एक्टिविस्ट डॉ. राजिंदर सिंगला ने मेघालय की सी.एम.जे. यूनिवर्सिटी पर फर्जी डिग्री बांटने का आरोप लगाया है। डॉ. राजिंदर सिंगला ने चंडीगढ़ प्रैस क्लब में बताया कि सी.एम.जे. विश्वविद्यालय शिलांग मेघालय अक्तूबर 2010 में अस्तित्व में आया,...

चंडीगढ़, (रश्मि रोहिला): शहर के आर.टी.आई. एक्टिविस्ट डॉ. राजिंदर सिंगला ने मेघालय की सी.एम.जे. यूनिवर्सिटी पर फर्जी डिग्री बांटने का आरोप लगाया है। डॉ. राजिंदर सिंगला ने चंडीगढ़ प्रैस क्लब में बताया कि सी.एम.जे. विश्वविद्यालय शिलांग मेघालय अक्तूबर 2010 में अस्तित्व में आया, और 2012 के अंत तक सैंकड़ों पीएच.डी. डिग्रीयों सहित विभिन्न विषयों की डिग्रीयां बांट दी गईं। इस बारे में पता चलते ही तत्कालीन गवर्नर आर.एस. मूसाहिरी ने विश्वविद्यालय के विजिटर की क्षमता में 30-04-2013 को सी.एम.जे. विश्वविद्यालय द्वारा जारी सभी डिग्रीयां वापस लेने के निर्देश दिए, और मेघालय सरकार को विश्वविद्यालय बंद करने की सिफारिश की। सी.एम.जे. फाऊंडेशन ने सुप्रीम कोर्ट में एस.एल.पी. दर्ज की । 


पार्टियों की सुनवाई के बाद, अदालत ने मेघालय सरकार को सी.एम.जे. विश्वविद्यालय के विघटन की प्रक्रिया शुरू होने के निर्देश दिए। इसी एस.एल.पी. में एक और आदेश भी दिया था कि जिनकी डिग्रियां अवैध घोषित कर दी थीं, उन्हें भी डिग्रियों की वैधता के लिए मेघालय सरकार को रिप्रजेंटेशन देने की अनुमति थी। साथ ही राज्य सरकार को कहा था कि वह उन्हें सुनवाई का मौका देते हुए उनके मामलों पर विचार कर डिग्रियों की वैधता पर निर्देश दें। यूनिवर्सिटी ने सर्वोच्च न्यायालय में एस.एल.पी. दायर की जिसमें अंतरिम आदेश के जरिए उच्च न्यायालय के हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी और एस.एल.पी. अंतिम फैसले के लिए लंबित है। डा. राजेंद्र ने कहा कि चंडीगढ़ में में भी इन डिग्रियों के आधार पर कई लोग नौकरी कर रहे हैं जो धोखाधड़ी का मामला है। ऐसे लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए। 

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