‘शिवसेना नेता’ के पद से हटाने के उद्धव के पत्र को चुनौती देंगे शिंदे : बागी गुट

Edited By Updated: 02 Jul, 2022 07:54 PM

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मुंबई, दो जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे उन्हें ‘शिवसेना नेता’ के पद से हटाए जाने से संबंधित पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के पत्र को उचित मंच पर चुनौती देंगे। शिवसेना के बागी गुट के प्रवक्ता एवं विधायक दीपक केसरकर ने शनिवार...

मुंबई, दो जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे उन्हें ‘शिवसेना नेता’ के पद से हटाए जाने से संबंधित पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के पत्र को उचित मंच पर चुनौती देंगे। शिवसेना के बागी गुट के प्रवक्ता एवं विधायक दीपक केसरकर ने शनिवार को यह बात कही।

उद्धव ने शुक्रवार को जारी एक पत्र में शिंदे पर ‘पार्टी विरोधी गतिविधियों’ में शामिल होने का आरोप लगाते हुए उन्हें ‘शिवसेना नेता’ के पद से हटा दिया था।

शिंदे ने इसी दिन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता देवेंद्र फडणवीस को उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई थी।

उद्धव ने शिंदे द्वारा पार्टी के खिलाफ बगावत करने के एक हफ्ते बाद 29 जून को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
शिवसेना के ज्यादातर विधायकों ने शिंदे का समर्थन किया था, जिससे महाराष्ट्र में उद्धव के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन की सरकार गिर गई थी।

गोवा में संवाददाताओं से बातचीत में केसरकर ने पत्र के संबंध में कहा, “शिंदे को शिवसेना के अधिकांश विधायकों द्वारा सदन में पार्टी समूह के नेता के रूप में चुना गया है। उन्हें पद से हटाने से संबंधित पत्र महाराष्ट्र के लोगों का अपमान है।”
शिवसेना के बागी नेता फिलहाल गोवा में डेरा डाले हुए हैं। केसरकर ने कहा, “शिंदे सदन में अब भी पार्टी समूह के नेता हैं और उनकी गरिमा को बनाए रखा जाना चाहिए। उद्धव के पत्र को उचित मंच के समक्ष चुनौती दी जाएगी।”
बागी गुट के प्रवक्ता के मुताबिक, “हमने कहा था कि हम उद्धव ठाकरे के किसी भी बयान का जवाब नहीं देंगे। लेकिन जहां तक उनके ​​इस पत्र का सवाल है, हमें जवाब देना ही होगा।”
उन्होंने कहा कि उद्धव का पत्र कानूनी ढांचे के अनुरूप नहीं है, क्योंकि शिंदे को विधायकों द्वारा समूह के नेता के रूप में चुना गया है और कोई भी व्यक्ति उनसे यह पद छीन नहीं सकता।

केसरकर ने दावा किया कि महाराष्ट्र में शिवसैनिकों से पार्टी के प्रति अपनी वफादारी जताने के लिए हलफनामा दाखिल करने को कहा जा रहा है।

इस कदम की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, “एक शिवसैनिक और पार्टी के बीच का रिश्ता प्यार का रिश्ता है। हलफनामे पर दस्तखत करवाने के बजाय शिवसैनिकों को ‘शिव बंधन’ के धागे से बांधना चाहिए।”
केसरकर ने कहा कि शिंदे और उनके समर्थकों ने मुख्यमंत्री के रूप में उनकी नियुक्ति का जश्न नहीं मनाया है।
उन्होंने कहा, “हम कल भी जश्न नहीं मनाएंगे, जब वह विश्वास मत जीत जाएंगे। हम तभी जश्न मनाएंगे, जब महाराष्ट्र में विकास होगा। हमें आरोप-प्रत्यारोप में समय जाया नहीं करना चाहिए। हमने जो ढाई साल गंवाए हैं, उन्हें लोगों को वापस देना होगा।”
केसरकर ने दावा किया कि फडणवीस के कैबिनेट में शामिल होने से उसे मजबूती मिली है।

उन्होंने कहा, “फडणवीस ने वर्ष 2014 से 2019 के बीच बतौर मुख्यमंत्री जो परियोजनाएं शुरू की थीं, उन्हें पूरा किया जाएगा। हम हमेशा हिंदुत्व समर्थक पार्टी रहेंगे।”
शिंदे मंत्रिमंडल के विस्तार के सवाल पर केसरकर ने कहा कि चार जुलाई को प्रस्तावित विश्वास मत के बाद इस पर फैसला लिया जाएगा।

उन्होंने कहा, “शिंदे और फडणवीस दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेताओं से विचार-विमर्श कर फैसला लेंगे।”
शिंदे गुट के विधायकों के रविवार से शुरू हो रहे राज्य विधानसभा के विशेष सत्र में हिस्सा लेने के लिए शनिवार रात मुंबई लौटने की उम्मीद है।



यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

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