Edited By PTI News Agency,Updated: 11 Aug, 2022 07:16 PM
मुंबई, 11 अगस्त (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार को अनुकंपा आधार पर नौकरी के एक पुलिस कांस्टेबल की विधवा के आवेदन पर विचार करने का निर्देश देते हुए कहा कि किसी प्रशासन को उसके कर्मचारियों और उनके परिवारों के प्रति बेरहम रवैया...
मुंबई, 11 अगस्त (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार को अनुकंपा आधार पर नौकरी के एक पुलिस कांस्टेबल की विधवा के आवेदन पर विचार करने का निर्देश देते हुए कहा कि किसी प्रशासन को उसके कर्मचारियों और उनके परिवारों के प्रति बेरहम रवैया अपनाने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
न्यायमूर्ति गौतम पटेल और न्यायमूर्ति गौरी गोडसे की खंडपीठ ने अपने 4 अगस्त के आदेश में कहा कि महिला पिछले 14 साल से रोजगार पाने की बाट जोह रही है लेकिन हर बार उसे इनकार कर दिया गया।
अदालत 42 वर्षीय फिरदौस मोहम्मद पटेल की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें महाराष्ट्र सरकार को अनुकंपा आधार पर नौकरी के उनके अनुरोध पर विचार करने का निर्देश देने की अपील की गयी थी।
फिरदौस ने अपने पति मोहम्मद यूनुस पटेल की मौत के बाद सबसे पहले 2009 में आवेदन दाखिल किया था। उनके पति महाराष्ट्र पुलिस में कांस्टेबल थे और 2008 में उनकी मौत हो गयी थी। महिला की अनुकंपा आधार पर नौकरी की अर्जी को इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि उनके दो से ज्यादा बच्चे हैं।
याचिका के अनुसार फिरदौस और पटेल के दो ही बच्चे हैं और वह उनकी दूसरी पत्नी है।
पटेल और उनकी पहली पत्नी रईसा की 2008 में आग लगने की एक घटना में मौत हो गयी थी। पटेल और रईसा के तीन बच्चे थे।
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