Edited By Pardeep,Updated: 15 Jun, 2022 12:53 AM
नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने मंगलवार को कहा कि ‘अग्निपथ'' भर्ती योजना एक ‘‘दूरदर्शी कदम'''' है, जो भारत के नौसैन्य कौशल की ‘‘प्रभावशीलता और दक्षता'''' को बढ़ाने में महत्वपूर्ण
नई दिल्लीः नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने मंगलवार को कहा कि ‘अग्निपथ' भर्ती योजना एक ‘‘दूरदर्शी कदम'' है, जो भारत के नौसैन्य कौशल की ‘‘प्रभावशीलता और दक्षता'' को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। एडमिरल कुमार ने कहा कि यह योजना ‘अग्निवीरों' को युद्धपोतों, पनडुब्बियों, विमान वाहकों, सैन्य विमानों और नवीनतम हथियारों के साथ काम करने का एक अनूठा अनुभव प्रदान करेगी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में नौसेना प्रमुख ने कहा, ‘‘मैं कहना चाहता हूं कि अग्निपथ योजना नये युग की नई सोच है।'' उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी जानते हैं कि वर्तमान और भविष्य की चुनौतियां लगातार बदल रही हैं और इन चुनौतियों से उचित तरीके से निपटने के लिए यह आवश्यक है कि हम अपने दृष्टिकोण और क्षमताओं को बदलें।'' नौसेना प्रमुख ने कहा कि यह योजना युवाओं की आकांक्षाओं और सशस्त्र बलों की भविष्य की आवश्यकताओं में ‘संतुलन' स्थापित करेगी।
राष्ट्र के समक्ष पेश आने वाली भावी सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार ने दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में मंगलवार को आमूलचूल बदलाव करते हुए थलसेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती संबंधी ‘अग्निपथ' नामक योजना की घोषणा की, जिसके तहत सैनिकों की भर्ती चार साल की लघु अवधि के लिए संविदा आधार पर की जाएगी।
अधिक योग्य और युवा सैनिकों को भर्ती करने के लिए दशकों पुरानी चयन प्रक्रिया में बड़े बदलाव के संबंध में रक्षा मंत्रालय ने बताया कि योजना के तहत तीनों सेनाओं में इस साल 46,000 सैनिक भर्ती किए जाएंगे और चयन के लिए पात्रता आयु 17.5 वर्ष से 21 वर्ष के बीच होगी। इन सैनिकों को ‘अग्निवीर' नाम दिया जाएगा।