Study: भारतीयों की हड्डियों को कमजोर कर रहा वायु प्रदूषण, कैंसर-स्ट्रोक का भी खतरा बढ़ा

Edited By Seema Sharma,Updated: 06 Jan, 2020 10:09 AM

air pollution is weakening the bones of indians

देश में लगातार बढ़ता प्रदूषण भारतवासियों की सेहत बड़ी तेजी से बिगाड़ रहा है। वायु प्रदूषण का ऊंचा स्तर देश के लोगों की हड्डियां कमजोर कर रहा है। इतना ही नहीं, प्रदूषण के कारण फेफड़ों के कैंसर, स्ट्रोक, सांस की बीमारियों आदि का भी जोखिम बढ़ता जा रहा...

नई दिल्ली: देश में लगातार बढ़ता प्रदूषण भारतवासियों की सेहत बड़ी तेजी से बिगाड़ रहा है। वायु प्रदूषण का ऊंचा स्तर देश के लोगों की हड्डियां कमजोर कर रहा है। इतना ही नहीं, प्रदूषण के कारण फेफड़ों के कैंसर, स्ट्रोक, सांस की बीमारियों आदि का भी जोखिम बढ़ता जा रहा है। एक अध्ययन में ये निष्कर्ष सामने आए हैं। अध्ययनकर्त्ताओं ने वायु प्रदूषण हड्डियों पर किस तरह और कितना असर डाल रहा है, यह संबंध ढूंढने के लिए हैदराबाद शहर के बाहर बसे 28 गांवों के 7,800 लोगों का जायजा लिया और अपने निष्कर्ष पेश किए। ‘जामा नैटवर्क ओपन’ नामक पत्रिका में प्रकाशित रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि अगर आसपास की वायु में प्रदूषण फैलाने वाले महीन कण मौजूद होते हैं तो उनके असर में रहने वाले लोगों की हड्डियों में सघनता कम होती जाती है। इतना होने पर भी, स्पेन के इंस्टीच्यूट ऑफ ग्लोबल हैल्थ के शोधकर्त्ता और यह रिपोर्ट लिखने वाले ओटावियो रनजानी ने कहा कि हमारा अध्ययन प्रदूषण और हड्डियों में संबंध को लेकर सीमित और ऐसे निष्कर्ष दे रहा है जो अंतिम नहीं है।

 

हड्डियों पर ऐसे असर डालते हैं प्रदूषित महीन कण
वायु प्रदूषण मानव की हड्डियों को कैसे कमजोर करता है, इस सवाल पर रनजानी ने कहा, ‘‘प्रदूषित महीन कण सांस के साथ अंदर शरीर में लेने से ऑक्सीडेटिव स्ट्रैस और इन्फ्लेमेशन के कारण हड्डियों की सघनता घटती है।’’

 

रेडियोग्राफी से मध्य रीढ़ की हड्डी व बायांं कूल्हा जांचा
अध्ययन के लिए शोधकर्त्ताओं ने स्थानीय आवश्यकताओं के हिसाब से विकसित माडल को अपनाया जिससे यह पता लगाया गया कि अपने घर में रहते हुए किसी व्यक्ति पर प्रदूषित महीन कणों और काले कार्बन का कितना असर पड़ता है। अध्ययनकत्र्ताओं ने लोगों से प्रश्नावली भी भरवाई जिनमें ऐसे भी सवाल थे कि आप रसोई में किस तरह का ईंधन प्रयोग करते हैं। अध्ययनकर्त्ताओं ने इकट्ठा की गई सूचना का संबंध हड्डियों से जोडऩे के लिए एक विशेष प्रकार की रेडियोग्राफी का प्रयोग करते हुए मध्य रीढ़ की हड्डी और बाएं कूल्हे की हड्डी की सघनता मापी।

 

WHO के मानक से प्रदूषण कहीं ज्यादा
निष्कर्ष में यह सामने आया कि आसपास की वायु में पी.एम. 2.5 की मात्रा औसतन 32.8 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर वायु है जो कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से निर्धारित स्तर से काफी ऊंचा है। अध्ययन में वायु प्रदूषण और हड्डियों के खराब स्वास्थ्य में एक संबंध दिखाई दिया लेकिन ईंधन के प्रकार के असर पर कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जा सका। ऑस्टियोपोरोसिस से बीमारियों का खतरा बढ़ा ऑस्टियोपोरोसिस बीमारी में हड्डियों की सघनता और गुणवत्ता में गिरावट आ जाती है। विश्व भर में बढ़ती बीमारियों के लिए यह भी जिम्मेदार है और लोगों की आयु बढऩे के साथ ही इसके और गंभीर होने की आशंका है।

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