क्या अमेरिका में बिकने वाले भारतीय iPhone पर लगेगा भारी टैक्स? टिम कुक का बयान आया सामने

Edited By Updated: 02 Aug, 2025 02:58 PM

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iPhone निर्माता कंपनी एप्पल ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के नतीजों की घोषणा कर दी है। इस तिमाही में कंपनी ने 94.04 बिलियन डॉलर (करीब 8.21 लाख करोड़ रुपये) का राजस्व अर्जित किया है, जो पिछले साल की समान तिमाही की तुलना में 10%...

नेसनल डेस्क : iPhone निर्माता कंपनी एप्पल ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के नतीजों की घोषणा कर दी है। इस तिमाही में कंपनी ने 94.04 बिलियन डॉलर (करीब 8.21 लाख करोड़ रुपये) का राजस्व अर्जित किया है, जो पिछले साल की समान तिमाही की तुलना में 10% अधिक है। जबकि वॉल स्ट्रीट ने कंपनी के लिए 89 बिलियन डॉलर (करीब 7.77 लाख करोड़ रुपये) के रेवेन्यू का अनुमान जताया था।

2021 के बाद पहली बार एप्पल की तेज़ ग्रोथ
साल 2021 के बाद पहली बार एप्पल की ग्रोथ में इतनी तेज़ी आई है, जो बाजार में उसकी मजबूत वापसी की ओर संकेत करती है। हालांकि, कंपनी को अमेरिका की बदलती व्यापार नीतियों और आयात शुल्क (टैरिफ) के कारण वित्तीय दबाव का सामना करना पड़ रहा है। एप्पल के सीईओ टिम कुक ने तिमाही परिणामों की घोषणा के दौरान कहा कि अमेरिका में बिकने वाले ज्यादातर iPhone अब भारत में बनते हैं। ऐसे में अमेरिका द्वारा विभिन्न देशों में बने इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट्स पर लगाए गए टैरिफ से एप्पल भी अछूता नहीं है।

टैरिफ का बढ़ता बोझ, IEEPA कानून बना चुनौती
टिम कुक ने बताया कि भारत एप्पल के लिए तेज़ी से उभरते बाजारों में शामिल है, लेकिन कंपनी के अधिकांश उत्पाद धारा 232 के अंतर्गत जांच के दायरे में आते हैं। सिर्फ चौथी तिमाही में ही कंपनी को 1.1 अरब डॉलर के टैरिफ का सामना करना पड़ सकता है। भले ही iPhone निर्माण का बड़ा हिस्सा भारत शिफ्ट कर दिया गया है, लेकिन IEEPA (International Emergency Economic Powers Act) जैसे अमेरिकी कानूनों के तहत चीन को टारगेट कर लगाए गए टैरिफ का असर अब भी बना हुआ है।

बता दें कि IEEPA कानून 1977 में बना था, जिसका इस्तेमाल आम तौर पर विदेशी संपत्तियों की जब्ती और प्रतिबंधों के लिए होता है, लेकिन ट्रंप प्रशासन ने इसका इस्तेमाल टैरिफ लगाने के लिए किया।

ट्रंप की चेतावनी: भारत में निर्माण नहीं करें
कुक ने यह भी बताया कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत में एप्पल के निर्माण संयंत्रों को लेकर खासे नाराज़ थे। ट्रंप का कहना था कि भारत दुनिया के सबसे ज्यादा टैरिफ लगाने वाले देशों में से एक है, और अगर एप्पल ने अमेरिका के बाहर उत्पादन जारी रखा, तो कंपनी को कम से कम 25% टैरिफ का भुगतान करना पड़ेगा। ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया साइट "ट्रुथ" पर कुक को सार्वजनिक रूप से चेतावनी दी थी।

भारत बना iPhone निर्माण का ग्लोबल हब
इन सबके बावजूद, भारत अब एप्पल के लिए iPhone निर्माण का वैश्विक केंद्र बनता जा रहा है। सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ योजना, कम लेबर कॉस्ट, और अपेक्षाकृत कम इम्पोर्ट टैक्स ने भारत को एप्पल के लिए आकर्षक गंतव्य बना दिया है। कंपनी भारत सरकार की मदद से देश में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर तेजी से विकसित कर रही है। इन तमाम चुनौतियों के बीच, एप्पल ने अमेरिका में भी बड़े निवेश की योजना बनाई है। कुक ने कहा कि कंपनी अगले चार सालों में अमेरिका में 500 अरब डॉलर का निवेश करेगी। इसके तहत वह एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग फंड को दोगुना करेगी और टेक्सास में एक नई AI सर्वर फैक्ट्री भी स्थापित की जाएगी।

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