एशिया कप जीत सकता था पाकिस्तान, गंभीर और सूर्या की चाल ने फाइनल के लिए पहले बना लिया ये माइंड गेम प्लान

Edited By Updated: 29 Sep, 2025 03:14 PM

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क्रिकेट की सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्विता का नया अध्याय एशिया कप 2025 के फाइनल में लिखा गया, जहां भारत और पाकिस्तान ने एक ऐसा मुकाबला पेश किया जिसने हर क्रिकेट प्रेमी की धड़कनें बढ़ा दीं। मैच में रोमांच की कोई कमी नहीं रही, बार-बार स्थिति पलटी और आख़िरी...

नेशनल डेस्क: क्रिकेट की सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्विता का नया अध्याय एशिया कप 2025 के फाइनल में लिखा गया, जहां भारत और पाकिस्तान ने एक ऐसा मुकाबला पेश किया जिसने हर क्रिकेट प्रेमी की धड़कनें बढ़ा दीं। मैच में रोमांच की कोई कमी नहीं रही, बार-बार स्थिति पलटी और आख़िरी गेंद तक नतीजा अधर में लटका रहा। लेकिन अंत में भारत ने पाकिस्तान को पराजित कर बड़ी जीत हासिल की। पाकिस्तान ने आखिरी तक हार मानने से इनकार किया, लेकिन भारतीय खिलाड़ियों की जोश और संयम के आगे उन्हें झुकना पड़ा।

पाकिस्तान ने शुरूआत की ताकतवर

फाइनल में पाकिस्तान की शुरुआत जबरदस्त रही। फरहान साहिबजादे और फखर जमान ने भारतीय गेंदबाजों को जमकर चुनौती दी और पहले 10 ओवर में टीम ने 80 रन के करीब स्कोर बना लिया। इस समय ऐसा लगने लगा था कि पाकिस्तान बड़ी पारियां खेल कर 200 से ऊपर का लक्ष्य सेट करेगा। लेकिन भारत को वरुण चक्रवर्ती की गेंदबाजी से बड़ा झटका लगा, जिन्होंने साहिबजादे को आउट कर टीम की वापसी की राह बनाई।

अभिषेक शर्मा को लेकर पाकिस्तानी रणनीति

पूरे टूर्नामेंट में भारत के सबसे मजबूत बल्लेबाज अभिषेक शर्मा को पाकिस्तान ने खास टारगेट बनाया था। उन्होंने टूर्नामेंट में लगभग 38 प्रतिशत रन अपने बल्ले से बनाए थे और भारत की कई जीतों में उनकी भूमिका अहम रही। इस वजह से फाइनल में भी पाकिस्तान ने अभिषेक को जल्दी आउट करने की रणनीति अपनाई, जो सफल रही। अभिषेक शर्मा मात्र चार रन बनाकर पवेलियन लौट गए, वहीं गिल और सूर्यकुमार यादव भी प्रभाव नहीं छोड़ सके। भारत के लिए स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी और ऐसा लग रहा था कि पाकिस्तान मैच पर कब्जा कर लेगा।

तिलक वर्मा की धीमी लेकिन निर्णायक पारी

लेकिन इस समय पाकिस्तान की सबसे बड़ी गलती सामने आई। उन्होंने तिलक वर्मा को कमतर आंक लिया। भारतीय कोच गौतम गंभीर और उपकप्तान सूर्यकुमार यादव ने तिलक को उसी पोजीशन पर खेलने का भरोसा दिया, जहां वह अपने प्रदर्शन के लिए जाने जाते हैं। तिलक ने धैर्य के साथ खेलते हुए धीरे-धीरे रन जोड़े और बीच के ओवरों में पाकिस्तानी गेंदबाजों पर जोरदार हमले किए। उनकी यह रणनीति मैच के समीकरण को पलटने वाली साबित हुई और तिलक वर्मा ने आखिरी तक डटे रहकर भारत को जीत दिलाई।

फैंस और विशेषज्ञों की तारीफ

मैच खत्म होने के बाद क्रिकेट प्रेमियों ने तिलक वर्मा को ‘विनिंग हीरो’ बताया। एक फैन ने कहा, "तिलक की पारी के बिना यह जीत नहीं मिलती।" वहीं, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी गौतम गंभीर की कोचिंग की सराहना की और कहा कि गंभीर ने टीम इंडिया को जीत की राह दिखाई।

पाकिस्तान की हार के मुख्य कारण

पाकिस्तान ने अभिषेक शर्मा पर ज़ोर दिया लेकिन तिलक वर्मा पर ध्यान नहीं दिया, जो अंत में उनकी सबसे बड़ी कमजोरी साबित हुई। अगर वे तिलक को भी विशेष रूप से निशाना बनाते तो शायद मैच का नतीजा बदल सकता था। साथ ही, भारतीय गेंदबाजों ने सही समय पर विकेट लेकर टीम पर दबाव बनाए रखा और विपक्षी टीम को काबू में रखा।

 

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