Edited By Seema Sharma,Updated: 19 Nov, 2019 02:11 PM
महाराष्ट्र की राजनीतिक उठापटक पर पहली बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत बयान आया है। भागवत ने इशारों-इशारों में ही भाजपा और शिवसेना को नसीहत दे डाली। भागवत ने कहा कि अपने स्वार्थ को बहुत कम लोग छोड़ते हैं। नागपुर में एक कार्यक्रम...
मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीतिक उठापटक पर पहली बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत बयान आया है। भागवत ने इशारों-इशारों में ही भाजपा और शिवसेना को नसीहत दे डाली। भागवत ने कहा कि अपने स्वार्थ को बहुत कम लोग छोड़ते हैं। नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि सब जानते हैं कि आपस में लड़ने से दोनों की हानि होगी, लेकिन फिर भी लड़ना नहीं छोड़ते, सब जानते हैं कि स्वार्थ से नुकसान होगा लेकिन लोग स्वार्थ नहीं छोड़ते, इसके लिए देश का उदाहरण लीजिए या फिर व्यक्तियों का।
भागवत के इसी बयान को भाजपा और शिवसेना के लिए नसीहत माना जा रहा है। वहीं भागवत ने कहा कि हर आदमी अच्छा ही बनना चाहता है लेकिन जो मनुष्य का अहंकार है, वो हर वस्तु पर अपना स्वामित्व चाहता है, वो किसी को कुछ नहीं देना चाहता, देता भी है तो कम से कम देता। उन्होंने कहा कि मनुष्य भगवान भी बन सकता है और राक्षस भी।
बता दें कि महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर हो रही रस्साकशी पर शिवसेना ने भागवत को दखल देने की अपील की थी। उद्धव ठाकरे के सलाहकार किशोर तिवारी इस संबंध में एक खत लिखते हुए नितिन गडकरी और भागवत को मध्यस्थता के लिए आगे आने को कहा था। हालांकि गडकरी ने कहा थी कि वे इसमें दखल नहीं देंगे। महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हो पाया है।