Edited By Rohini Oberoi,Updated: 03 Dec, 2025 02:27 PM

विश्व एड्स दिवस (World AIDS Day) के अवसर पर बिहार के समस्तीपुर सदर अस्पताल में एक ऐसी जागरूकता रैली (Awareness Rally) निकाली गई जिसकी चर्चा अब बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश में हो रही है। सदर अस्पताल की GNM (जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी) की छात्राओं ने...
नेशनल डेस्क। विश्व एड्स दिवस (World AIDS Day) के अवसर पर बिहार के समस्तीपुर सदर अस्पताल में एक ऐसी जागरूकता रैली (Awareness Rally) निकाली गई जिसकी चर्चा अब बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश में हो रही है। सदर अस्पताल की GNM (जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी) की छात्राओं ने अस्पताल से लेकर शहर की सड़कों तक रैली निकाली और अपने बोल्ड नारों से समाज में सालों से चली आ रही चुप्पी को तोड़ दिया। जिसे सुनकर सभी मर्द शरमा गए।
बोल्ड नारों से दिया सीधा संदेश
छात्राओं के हाथों में लाल रिबन, रंग-बिरंगे पोस्टर थे और उनके मुंह पर बेबाकी (Boldness) साफ झलक रही थी। उनके नारे ऐसे थे कि सुनने वाले पहले हंस पड़े लेकिन बाद में सभी गहरे सोच में पड़ गए।
GNM छात्राओं द्वारा लगाए गए कुछ तंज भरे और सीधे संदेश वाले नारे:
"अगर पति आवारा हो, कंडोम ही सहारा हो।"
"परदेस नहीं जाना बलम जी, एड्स न लाना बलम जी।"
इन नारों का सीधा संदेश यह था कि यदि पति बाहर कमाने जाते हैं तो उन्हें सिर्फ पैसा ही लाना चाहिए बीमारी नहीं। इसके लिए घर की महिलाओं को शर्म छोड़कर समझदारी से जीवन जीना चाहिए और अपनी सुरक्षा के प्रति जागरूक होना चाहिए।
जनता ने किया समर्थन
यह रैली सदर अस्पताल गेट से शुरू हुई जो पटेल गोलंबर, कलेक्ट्रेट और ओवरब्रिज होते हुए वापस अस्पताल पहुंची। छात्राओं की इस रैली को देखकर रास्ते से गुज़र रहे लोग पहले चौंके उठे फिर तालियां बजाईं। राहगीर रुक-रुक कर नारों वाले पर्चे पढ़ते और तस्वीरें (Photos) खींचते दिखे। छात्राओं की इस रैली के दौरान अस्पताल प्रशासन, डॉक्टर्स और स्वास्थ्य कर्मी भी मौजूद रहे जिसने इस पहल को एक बड़े आंदोलन का रूप दे दिया।
'एड्स गाली नहीं, बीमारी है'
इस जागरूकता रैली के दौरान छात्राओं ने साफ कहा कि एड्स कोई गाली नहीं है यह एक बीमारी है और इसका इलाज भी संभव है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि इसके इलाज के लिए सबसे अधिक सावधानी और जागरूकता (Awareness) ही ज़रूरी है। समस्तीपुर की इस रैली ने साबित कर दिया है कि बिहार में अब लोग एड्स और उससे जुड़ी सावधानियों पर खुलकर बोलने को तैयार हैं। इस पहल की चर्चा अब चारों तरफ होने लगी है।