भाजपा के "नारी शक्ति" अभियान को आर.एस.एस. का सम्मान, साल भर अहिल्याबाई होल्कर जयंती मनाने का ऐलान

Edited By Mahima,Updated: 14 Mar, 2024 09:10 AM

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आगामी लोकसभा के चुनावी अखाड़े में आरोपों और प्रत्यारोपों को लेकर विपक्ष के इंडिया ब्लॉक और भाजपा में घमासान मचा हुआ है। इसी घमासान के बीच सत्ता पक्ष और विपक्ष की निगाहें देश की आधी आबादी के वोट बैंक पर प्रमुखता से हैं।

नेशनल डेस्क: आगामी लोकसभा के चुनावी अखाड़े में आरोपों और प्रत्यारोपों को लेकर विपक्ष के इंडिया ब्लॉक और भाजपा में घमासान मचा हुआ है। इसी घमासान के बीच सत्ता पक्ष और विपक्ष की निगाहें देश की आधी आबादी के वोट बैंक पर प्रमुखता से हैं। कांग्रेस ने जहां अपने घोषणापत्र में सत्ता में आने के बाद महिलाओं के लिए कई विशेष पैकेज की घोषणा की है, वहीं इसके विपरीत सत्तारूढ़ भाजपा अपने इस कार्यकाल के दौरान "नारी शक्ति" को शुरू से ही ऐसा मुद्दा बना चुकी है, जो उसके सभी चुनावी मुद्दों के केंद्र में रहता है। इसी कड़ी में भाजपा के इस मुद्दे को और मजबूती देने के लिए राष्ट्रीय सेवक संघ  (आर.एस.एस.) ने मालवा रानी और महिलाओं को शिक्षित करने में अग्रणी रही अहिल्याबाई होल्कर की 300 वीं जयंती को एक साल तक चलने वाले उत्सव के रूप में मनाने का ऐलान किया है।

मई में शुरू होंगे जयंती उत्सव
नारी शक्ति उन प्रमुख मुद्दों में से एक है, जिस पर भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने जा रही है। इसी बीच आर.एस.एस. के राष्ट्रीय प्रचार प्रमुख सुनील अंबेकर ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि समाज और देश के लिए अमूल्य योगदान देने वाली अहिल्याबाई होल्कर की 300 वीं जयंती मई में शुरू होगी। उन्होंने मीडिया को दिए एक बयान में कहा कि उनकी जयंती के तहत साल भर में कई समारोह आयोजित किए जाएंगे। राष्ट्रीय प्रचार प्रमुख ने बताया कि जल्द ही सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले भी इस संबंध में एक विशेष बयान जारी करेंगे। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब 15 मार्च से नागपुर में आर.एस.एस. की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (ए.बी.पी.एस.) की बैठक होने वाली है।

मराठा रानी थी अहिल्याबाई
बताते हैं कि 31 मई 1725 को जन्मी होल्कर अपने पति खांडेराव होल्कर और ससुर की मृत्यु के बाद 1767 में मराठा शासन के तहत मालवा क्षेत्र की रानी बनी थी। इतिहासकारों के मुताबिक अहिल्याबाई ने उस समय महिलाओं की शिक्षा के लिए लड़ाई लड़ी, जब उनका पढ़ना लिखना प्रतिबंधित था। उन्होंने अपने तीन दशक के शासनकाल के दौरान महिला सशक्तिकरण के लिए काम किया। जिसे मध्य भारत के इतिहास में सबसे समृद्ध अवधियों में से एक के रूप में देखा गया था। होल्कर पर आर.एस.एस. का ध्यान काशी विश्वनाथ मंदिर में ज्ञानवापी मस्जिद पर चल रही कानूनी लड़ाई को देखते हुए भी महत्वपूर्ण है, जो होल्कर द्वारा अपने शासनकाल के दौरान देश भर में पुनर्निर्मित कई मंदिरों में से एक है।

केंद्र सरकार का महिलाओं पर फोकस
एक मीडिया रिपोर्ट के विश्लेषण में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार के नारी शक्ति अभियान के तहत  न केवल महिलाओं को लक्षित करने वाली विभिन्न योजनाओं की घोषणा की है, बल्कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम (महिला आरक्षण विधेयक) जैसे विभिन्न कानूनों सहित महिलाओं के कल्याण और सुरक्षा पर लगातार फोकस किया है। सत्तारूढ़ भाजपा का दावा है कि आई.पी.सी. का स्थान लेने वाली भारतीय न्याय संहिता में महिलाओं के खिलाफ अपराध से निपटने वाली धाराएं बढ़ाकर उन्हें सम्मान दिया गया है। सरकार ने हाल ही में वृन्दावन में एक पूर्ण महिला सैनिक स्कूल की स्थापना की घोषणा भी की है।

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