भाजपा की तैयारी ने विपक्ष को किया ढेर, एक बार फिर से शाह बने सबसे बड़े चुनावी रणनीतिकार

Edited By Updated: 05 Dec, 2023 10:05 AM

bjp s preparations defeated the opposition

मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा को यूं ही जीत नहीं मिली, बल्कि भाजपा संगठन ने जीत के लिए डेढ़ साल से योजना पर काम किया कि कैसे बूथ जीता जाए। भाजपा के सबसे बड़े चुनावी रणनीतिकार अमित शाह के इस मंत्र को प्रदेश इकाई ने जमीन पर उतारने के लिए कमर...

नैशनल डैस्क: मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा को यूं ही जीत नहीं मिली, बल्कि भाजपा संगठन ने जीत के लिए डेढ़ साल से योजना पर काम किया कि कैसे बूथ जीता जाए। भाजपा के सबसे बड़े चुनावी रणनीतिकार अमित शाह के इस मंत्र को प्रदेश इकाई ने जमीन पर उतारने के लिए कमर कस लिया था। इसमें संगठन के बूथ प्रबंधन की बड़ी भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अंतिम चरण में जिस तैयारी ने भाजपा के पक्ष में चमत्कारिक काम किया है, वो है पार्टी का बूथ मैनेजमेंट।

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भाजपा ने इसके लिए लंबी तैयारी की थी। प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की इस बिसात पर कांग्रेस के 150 वाले नारों की हवा निकल गई। हितधारियों को बूथ तक लाने में भाजपा सफल रही है और डेढ़ साल से चल रही बूथ मैनेजमेंट स्कीम ने बाजी पलट दी। इस जीत में मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल की कार्य कुशलता व मीडिया के जरिए जन मानस में भाजपा के प्रति विश्वास पैदा करने की भूमिका भी प्रमुख रही।

मेरा बूथ, सबसे मजबूत बना अंदरुनी ताकत
27 जून को भाजपा ने भोपाल में बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं का राष्ट्रीय सम्मेलन किया था। पीएम मोदी ने मध्यप्रदेश भाजपा की इस पहल को खूब सराहा था। बूथ प्रबंधन के लिहाज से यह टर्निंग प्वाइंट था। इसमें मोदी ने पार्टी को बूथ जीतने का मूलमंत्र दिया था।

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सभा छोड़ संभागों में बैठे अमित शाह
चुनाव का बिगुल बजने के बाद एक तरफ सारे नेता सभाओं में व्यस्त थे, तो दूसरी ओर भाजपा के चाणक्य अमित शाह संभागों में कार्यकर्ताओं को चुनावी जीत के गुर सीखा रहे थे। बूथ पर 51 प्रतिशत वोट हासिल करने के लिए मोदी के हितधारियों को खींचने का खाका गृहमंत्री खींच रहे थे। शाह की इस रणनीति से उदासीन भाजपाईयों में नई ऊर्जा आई और भाजपा की स्थिति में बड़ा सुधार हुआ।

मोदी, योगी और सरमा की सभाओं ने बढ़ाया तापमान
भाजपा के तीन नेता मैदान में नहीं उतरते तो मध्य प्रदेश में यह इतिहास का सबसे सूना चुनाव होने वाला था। फेस्टिव सीजन की भेंट चढ़ चुके चुनाव में जो ठंडापन बना हुआ था, उसका तापमान तब बढ़ा जब मोदी, योगी और हिमंत बिसवा सरमा की ताबड़तोड़ सभाएं हुई। बड़वानी, शाजापुर जैसी सभाएं इसकी बानगी हैं। इन सभाओं ने नीचे के कार्यकर्ताओं में जोश भर दिया।

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ऐसे किया बूथ मैनेजमेंट
जनवरी 2022 से लगातार बूथ विस्तारक अभियान, बूथ नेतृत्व प्रशिक्षण, बूथ विजय संकल्प अभियान, मेरा बूथ सबसे मजबूत, विधानसभा सम्मेलन, शक्ति सम्मेलन, शक्ति केंद्र कार्यशाला, बूथ समिति सम्मेलन, मतदाता सूची नाम जोड़ना अभियान, मतदाता जागरण, पर्ची वितरण जैसे कई कार्यक्रमों ने बूथ स्तर पर माहौल बनाए रखा।

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