कोरोना का कहर, ब्लाइंड माता-पिता ने खो दिया अपना 9 महीने का इकलौता बेटा...पूर्व BJP MLA ने दफनाया

Edited By Seema Sharma,Updated: 14 May, 2021 12:37 PM

blind parents lost their only son of 9 months from corona

कोरोना लोगों पर कहर बनकर बरप रहा है। कोरोना ने एक नेत्रहीन माता-पिता से उनकी इकलौती संतान छीन ली। नौ महीने के कृशु की दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में कोरोना के कारण मौत हो गई जबकि उसका पिता एक अन्य अस्पताल में अब भी कोरोना से जूझ रहा है। पूर्व भाजपा...

नेशनल डेस्क: कोरोना लोगों पर कहर बनकर बरप रहा है। कोरोना ने एक नेत्रहीन माता-पिता से उनकी इकलौती संतान छीन ली। नौ महीने के कृशु की दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में कोरोना के कारण मौत हो गई जबकि उसका पिता एक अन्य अस्पताल में अब भी कोरोना से जूझ रहा है। पूर्व भाजपा विधायक जितेंद्र सिंह ‘शंटी' ने गुरुवार शाम को ओल्ड सीमापुरी के एक शवदाहगृह में कृशु को दफनाया। दो दिनों में यह दूसरी बार है जब सिंह ने इतने छोटे बच्चे को दफनाया है। covid-19 की दूसरी लहर के दौरान 2,000 से अधिक अनजान लोगों का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार कर चुके सिंह (59) ने बुधवार शाम को उसी जगह के पास पांच महीने की परी को दफनाया था जहां कृशु अब हमेशा के लिए सो गया है।

 

कृशु के एक रिश्तेदार ने बताया कि वह अपने माता-पिता की इकलौती संतान था जो पूर्वी दिल्ली में दिलशाद गार्डन में रहते हैं। उन्होंने रोते हुए कहा कि दोनों माता-पिता नेत्रहीन हैं।'' रिश्तेदार ने बताया कि कृशु की मां करीब 18 दिन पहले कोरोना वायरस से संक्रमित हुई थी और चूंकि उसने बच्चे को स्तनपान कराया था तो वह भी बीमार हो गया। कुछ दिनों पहले कृशु को गुरु तेग बहादुर अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां गुरुवार तड़के उसकी मौत हो गई। उसके पिता शशांक शेखर (26) ताहिरपुर के राजीव गांधी सुपर स्पैश्यिलिटी अस्पताल में जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहे हैं। बच्चे की मां ज्योति ने रोते हुए फोन पर बताया कि मेरे पति नहीं जानते कि आज उन्होंने अपना प्यारा कृशु खो दिया है। कृपया उन्हें मत बताना। अब मैं उन्हें भी नहीं खोना चाहती।''

 

वहीं परी के पिता प्रह्लाद (30) ने कहा कि उनकी ‘लाली' को कुछ दिनों से तेज बुखार था। वह उत्तर पूर्वी दिल्ली के नंद नगरी इलाके में रहते हैं। उन्होंने कहा कि हम उसे नजदीक के एक निजी अस्पताल में ले गए। जहां उसकी हालत बिगड़ गई। फिर हम उसे गीता कॉलोनी में स्थित चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय लेकर गए जहां डॉक्टरों ने आरटी-पीसीआर जांच की, जिसमें वह संक्रमित आई।'' परिवार को गुरु तेग बहादुर अस्पताल भेज दिया गया जहां 6 मई को परी को वेंटीलेटर पर रखा गया। पिता ने बताया कि बच्ची की मां पूरे दिन अस्पताल में रहती थी। प्रह्लाद ने कहा, ‘‘मेरे पास जितना पैसा था मैंने सारा खर्च कर दिया लेकिन उसे बचा नहीं सका।''

 

परी की सुबह करीब साढ़े 11 बजे मौत हो गई। पूर्व भाजपा विधायक सिंह ने कहा कि हमारा दिल टूट गया है। मैंने कभी सोचा नहीं था कि मैं यहां इतने छोटे बच्चों का अंतिम संस्कार करुंगा। मैं इसे आसानी से नहीं भूल पाऊंगा। सिंह ने कहा कि बच्चे इतने छोटे थे कि उन्हें यह भी नहीं पता कि अपनी परेशानी माता-पिता को कैसे बताएं। यह पूछने पर कि क्या उन्होंने पहले भी किसी बच्चे का अंतिम संस्कार किया है, इस पर सिंह ने कहा कि मैंने पहले कभी इतनी उम्र के किसी बच्चे को कोविड-19 के कारण मरते सुना या देखा नहीं। यह पहली बार है।

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