जन्माष्टमी पर घर ले आएं ये एक चीज, होगा सौभाग्य का आगमन — दूर होंगी दरिद्रता और कलह

Edited By Updated: 12 Aug, 2025 09:59 PM

bring this one thing home on janmashtami good luck will arrive

जन्माष्टमी, भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का पर्व, न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, प्रेम और सौभाग्य लाने का एक विशेष अवसर भी माना जाता है। इस शुभ दिन पर यदि कुछ विशेष उपाय किए जाएं, तो जीवन में अद्भुत परिवर्तन संभव है।...

नेशनल डेस्कः जन्माष्टमी, भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का पर्व, न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, प्रेम और सौभाग्य लाने का एक विशेष अवसर भी माना जाता है। इस शुभ दिन पर यदि कुछ विशेष उपाय किए जाएं, तो जीवन में अद्भुत परिवर्तन संभव है। इन्हीं में से एक उपाय है — बांसुरी को घर लाना।

बांसुरी, जो श्रीकृष्ण की सबसे प्रिय वस्तु मानी जाती है, केवल एक वाद्य यंत्र नहीं बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा, प्रेम, और शांति का प्रतीक है। वास्तु शास्त्र और धार्मिक ग्रंथों में इसे अत्यंत शुभ माना गया है। यदि इसे जन्माष्टमी के दिन विशेष विधि से घर में स्थापित किया जाए, तो यह जीवन में सुख-शांति, संतान सुख और समृद्धि का मार्ग खोल सकती है।

बांसुरी रखने का धार्मिक और पौराणिक महत्व

जन्माष्टमी पर बांसुरी रखने के 7 चमत्कारी लाभ

1. नकारात्मक ऊर्जा का नाश

वास्तु शास्त्र अनुसार, बांसुरी से घर में सकारात्मक कंपन (vibrations) फैलते हैं। इसे पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में रखने से घर की नकारात्मक शक्तियां समाप्त होती हैं और वातावरण पवित्र होता है।

2. पारिवारिक संबंधों में मधुरता

श्रीकृष्ण की बांसुरी की तरह यह घर में प्रेम, सामंजस्य और समझ को बढ़ाती है। पति-पत्नी के बीच चल रहे मतभेद भी कम हो सकते हैं।

3. आर्थिक संकट से मुक्ति

लाल या पीले धागे में बंधी पीतल या लकड़ी की बांसुरी को घर के मुख्य द्वार पर लगाने से धन की आवक बढ़ती है और खर्चों पर नियंत्रण आता है।

4. संतान प्राप्ति में सहायक

जो दंपत्ति संतान सुख से वंचित हैं, वे जन्माष्टमी के दिन पीली बांसुरी को भगवान श्रीकृष्ण को अर्पित कर, फिर उसे पूजा घर में रखें। इससे संतान प्राप्ति की संभावना बढ़ती है।

5. करियर और बिज़नेस में तरक्की

बांसुरी कार्यस्थल या अध्ययन कक्ष में रखने से मन की एकाग्रता बढ़ती है, रुकावटें दूर होती हैं और नए अवसर प्राप्त होते हैं।

6. मानसिक शांति और स्वास्थ्य लाभ

बांसुरी की ऊर्जा तनाव को कम करती है, जिससे घर के सदस्यों का मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहता है। इसका प्रभाव नींद और मानसिक संतुलन पर भी सकारात्मक होता है।

7. भाग्य का उदय और शुभ अवसरों की प्राप्ति

यदि बांसुरी को पूरे वर्ष सही स्थान पर रखा जाए, तो यह नए अवसर, अच्छे संयोग और सौभाग्य को आकर्षित करती है।

मोरपंख और बांसुरी का संयोग: सौभाग्य का द्वार

भगवान श्रीकृष्ण के मोर मुकुट और हाथ में बांसुरी उनके दिव्य स्वरूप के प्रतीक हैं। मान्यता है कि जब मोरपंख और बांसुरी को एक साथ घर में रखा जाता है, तो घर में सकारात्मक ऊर्जा कई गुना बढ़ जाती है। यह संयोजन घर के सभी दोषों को शांत करता है।

विशेष उपाय: जन्माष्टमी पर करें यह सरल प्रयोग

  • जन्माष्टमी की रात 12 बजे श्रीकृष्ण जन्म के समय घर के पूजा स्थान पर बांसुरी और मोरपंख रखें।

  • घी का दीपक जलाकर ‘ॐ श्रीकृष्णाय नमः’ का जाप करें।

  • अगले दिन वह बांसुरी घर के शुभ स्थान पर रख दें — यह पूरे वर्ष आपके जीवन में श्रीकृष्ण की कृपा बनाए रखेगा।

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