Edited By Yaspal,Updated: 15 May, 2019 06:59 PM
मद्रास उच्च न्यायालय ने बुधवार को एमएनएम प्रमुख कमल हासन की उस याचिका पर विचार करने से इंकार कर दिया जिसमें उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान अरवाकुरिची विधानसभा क्षेत्र में ‘‘आजाद भारत का पहला उग्रवादी हिंदू होने'''' संबंधी बयान पर अपने खिलाफ दर्ज...
मदुरैः मद्रास उच्च न्यायालय ने बुधवार को एमएनएम प्रमुख कमल हासन की उस याचिका पर विचार करने से इंकार कर दिया जिसमें उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान अरवाकुरिची विधानसभा क्षेत्र में ‘‘आजाद भारत का पहला उग्रवादी हिंदू होने'' संबंधी बयान पर अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने का आदेश दिये जाने की मांग की थी।
न्यायमूर्ति बी पुगालेंधी की मदुरै पीठ ने कहा इस तरह की दलीलों को छुट्टी के दौरान आकस्मिक याचिकाओं के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता है। हालांकि, न्यायाधीश ने कहा कि अगर अग्रिम जमानत याचिका दायर की जाती है तो उसपर सुनवाई हो सकती है।
अरवाकुरिची पुलिस ने हासन के तमिल भाषा में दिये गए उस बयान पर उनके खिलाफ मंगलवार को मामला दर्ज किया था जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘‘आजाद भारत का पहला उग्रवादी एक हिंदू था। उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए और 295 ए के तहत मामला दर्ज किया था। महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे का उल्लेख करते हुए हासन ने रविवार को कहा था कि ‘‘आजाद भारत का पहला उग्रवादी एक हिंदू था।'' प्रदेश के अरवाकुरिची विधानसभा क्षेत्र में 19 मई को उपचुनाव होना है।