‘एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड’ योजना अपनाने पर केन्द्र करे विचार, मजदूरों के संकट पर सुप्रीम कोर्ट ने जत

Edited By shukdev,Updated: 28 Apr, 2020 07:20 PM

center should consider adopting one nation one ration card scheme

उच्चतम न्यायालय ने केन्द्र से कहा है कि वह ‘एक राष्ट्र एक राशन कार्ड'' योजना अपनाने की संभावना पर विचार करे ताकि कोरोना वायरस महामारी की वजह से देश में लागू लॉकडाउन के दौरान पलायन करने वाले कामगारों और ....

 नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने केन्द्र से कहा है कि वह ‘एक राष्ट्र एक राशन कार्ड' योजना अपनाने की संभावना पर विचार करे ताकि कोरोना वायरस महामारी की वजह से देश में लागू लॉकडाउन के दौरान पलायन करने वाले कामगारों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को रियायती दाम पर खाद्यान्न मिल सके। केन्द्र सरकार की यह योजना इस साल जून में शुरू होने वाली है। 

न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने सोमवार को पारित अपने आदेश में कहा,‘हम केन्द्र सरकार को इस समय यह योजना लागू करने की व्यावहारिकता पर विचार करने और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए उचित निर्णय लेने का निर्देश देते हैं।' न्यायालय ने इसके साथ ही अधिवक्ता रीपक कंसल के आवेदन का निस्तारण कर दिया। कंसल ने राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की वजह से अलग अलग स्थानों पर फंसे कामगारों और दूसरे नागरिकों के लाभ के लिए योजना शुरू करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था। 

याचिका में याचिकाकर्ता ने कोरोनावायरस महामारी के दौरान प्रवासी श्रमिकों, लाभार्थियों, राज्यों के निवासियों और पर्यटकों के हितों की रक्षा करने और उन्हें रियायती खाद्यान्न और सरकारी योजना के लाभ उपलब्ध दिलाने के लिए अस्थाई रूप से एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना अपनाने के लिए न्यायालय से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया था। कंसल ने दावा किया था कि राज्य और केन्द शासित प्रदेश अपने नागरिकों और मतदाताओं को प्राथमिकता दे रही हैं और वे प्रवासी मजदूरों ओर दूसरे राज्यों के निवासियों को रियायती दाम पर खाद्यान्न, भोजन, आवास और चिकित्सा सुविधाओं के लाभ नहीं दे रही हैं। 

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