ठेकेदारों का सी.एम. निवास घेराव नाकाम, दर्जनों गिरफ्तार

Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Feb, 2018 06:49 PM

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ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में आज पुलिस ने जम्मू कश्मीर सेंट्रल ठेकेदार समन्वय समिति (जे.के.सी.सी.सी.सी.) के मुख्यमंत्री निवास घेराव मार्च को नाकाम करते हुए दर्जनों ठेकेदारों को गिरफ्तार कर लिया।

श्रीनगर : ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में आज पुलिस ने जम्मू कश्मीर सेंट्रल ठेकेदार समन्वय समिति (जे.के.सी.सी.सी.सी.) के मुख्यमंत्री निवास घेराव मार्च को नाकाम करते हुए दर्जनों ठेकेदारों को गिरफ्तार कर लिया। ठेकेदार उनके लंबित बिलों की रिहाई में सरकार की नाकामी के खिलाफ विरोध कर रहे थे। प्रदर्शनकारी ठेकेदारों ने कहा कि विभिन्न विभागों में उनके 350 करोड़ रुपए के बिल लंबित हैं। 

जानकारी के अनुसार जे.के.सी.सी.सी.सी. ने आज प्रेस कॉलोनी श्रीनगर में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। सैंकड़ों प्रदर्शनकारियों ने वित्तीय मंत्री का पुतला भी फूंका। बाद में प्रदर्शनकारियों गुफ्कार रोड़ स्थित मुख्यमंत्री निवास की ओर मार्च करना शुरु कर दिया जिसमें जे.के.सी.सी.सी.सी. महासचिव फारुक अहमद डार ने भी भाग लिया। प्रदर्शनकारी ठेकेदार उनकी लंबित बिलों के भुगतान की मांग कर रहे थे। इसी दौरान पुलिस ने उनके मार्च को नाकाम कर दिया और दर्जनों ठेकेदारों को हिरासत में ले लिया। 

विकास कार्य रोकने की चेतावनी
इससे पहले फारुक डार ने राज्य में हजारों ठेकेदारों की मांगों को पूरा नही करने के लिए सरकार के खिलाफ अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान किया। पत्रकारों को संबोधित करते हुए डार ने कहा कि सभी ठेकेदारों को सूचित किया जाता है कि वह आज से सभी विकास कार्यों को रोक दें और निविदावओं का बहिष्कार करें। 
उन्होने कहा कि हमें हमारी आजीविका से वंचित रखा जा रहा है। साथ ही पैसा उधार पर लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है। 

कश्मीर में रहता है ई कफ्र्यू
डार ने कहा कि सरकार द्वारा शुरु किए गए ऑनलाइन बिलिंग सिस्टम कश्मीर के लिए उपयुक्त नही हैं क्योंकि कश्मीर में अकसर ई-कफ्र्यू लागू किया जाता है। 
डार ने दावा किया कि राजनीतिक मजबूरी के कारण पिछले चार सालों से 350 करोड़ रुपए की देनदारियां लंबित हैं और सरकार इस विशाल राशि को जारी करने के बारे में कोई परवाह नही कर रही हैं। महासचिव ने वित्तीय मंत्री हसीब द्राबु पर भारत सरकार को खुश रखने के लिए वित्तीय कमी को जानबूझकर बनाने का आरोप लगाया। 

काम करने को किया जाता है मजबूर
उनके लंबित बिलों की तत्काल रिहाई की मांग करते हुए डार ने कहा कि अभियंताओं और राजनीतिज्ञों जो उनको आवश्यक धनराशि का इंतजाम किए बिना काम पूरा करने के लिए मजबूर करते हैं, की लापरवाही के कारण ठेकेदारों को नुकसान क्यों उठाना पड़ रहा है। डार ने कहा कि उनकी लगातार गुहारों का सरकार पर कोई असर नही पड रहा हैं। वहीं, पुलिस द्वारा गिरफतार ठेकेदारों में हाजी मोहम्मद अकबर पाल, जावेद अहमद जरगर, अब्दुल खालिक, तस्सदुक हुसैन लावे, गुलाम रसुल मीर, परवेज दरजी, अली मोहम्मद हजारा भी शामिल हैं।

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