कोरोना का असर-87 साल में पहली बार लालबागचा राजा पंडाल में नहीं विराजे 'बप्पा', रौनक फीकी

Edited By Seema Sharma,Updated: 23 Aug, 2020 01:10 PM

corona lalbaugcha raja pandal faded on ganesh chaturthi this year

देशभर में शनिवार को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया गया लेकिन कोरोना महामारी के कारण इस उत्सव की रौनक कुछ फीकी रही। वहीं मुंबई के सबसे प्रसिद्ध लालबागचा राजा गणेशोत्सव मंडल ने 87 साल के इतिहास में पहली बार गणपति की मूर्ति स्थापित नहीं की। महाराष्ट्र...

नेशनल डेस्कः देशभर में शनिवार को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया गया लेकिन कोरोना महामारी के कारण इस उत्सव की रौनक कुछ फीकी रही। वहीं मुंबई के सबसे प्रसिद्ध लालबागचा राजा गणेशोत्सव मंडल ने 87 साल के इतिहास में पहली बार गणपति की मूर्ति स्थापित नहीं की। महाराष्ट्र सरकार ने लोगों से सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन करने और गणेशोत्सव के दौरान सभी सावधानी बरतने का आग्रह किया। इसी बीच, लालबागचा राजा गणेशोत्सव मंडल ने कोरोना वायरस के कारण जान गंवाने वाले पुलिसकर्मियों के परिवारों को एक-एक लाख रुपए की राशि भेंट की है।

 

बहरहाल, इस गणेश उत्सव में तकनीक श्रद्धालुओं और पंडालों के लिए बड़ा सहारा बन कर उभरी और श्रद्धालुओं ने दस दिवसीय उत्सव में गणपति के ऑनलाइन दर्शन किए। नई दिल्ली में गणेशोत्सव पर कोरोना वायरस का असर साफ नजर आया और अधिकतर लोगों ने अपने घरों में ही, विघ्नहर्ता की पूजा की। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने घर पर ही गणपति की पूजा करने के बाद कहा कि लोगों को भगवान गणेश का स्वागत करते समय मास्क पहनने और भीड़ से बचने की अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को नहीं भूलना चाहिए।

 

परिणामस्वरूप गलियों में पंडाल नहीं लगाए गए थे जहां विभिन्न आकारों में भगवान गणेश की मूर्तियां आम तौर पर नौ दिनों के उत्सव के लिए स्थापित की जाती थीं। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाई गई पाबंदियों के कारण मंदिरों में विनायक के दर्शन के लिए कुछ ही लोगों को दर्शन की अनुमति दी गई थी।

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