दुनिया में कोरोना से फिर हाहाकारः एक दिन में दस हजार से अधिक मौतें,  65 पार मरीजों को अधिक खतरा

Edited By Tanuja,Updated: 20 Mar, 2021 11:00 AM

coronavirus more than ten thousand deaths repoerted in one day

दुनिया में एक बार फिर कोरोना महामारी के कारण हाहाकार मच गई है।  इस वायरस से पिछले 24 घंटों के दौरान 10,588 लोगों की मौत हुई है और पांच लाख 91 हजार 314 लोग संक्रमित

लंदनः दुनिया में एक बार फिर कोरोना महामारी के कारण हाहाकार मच गई है।  इस वायरस से पिछले 24 घंटों के दौरान 10,588 लोगों की मौत हुई है और पांच लाख 91 हजार 314 लोग संक्रमित  हो गए हैं। अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के मुताबिक दुनिया के 192 देशों में कोरोना वायरस संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 12 करोड़ 18 लाख चार हजार 270 हो गई है तथा अभी तक इस वायरस के संक्रमण से 26 लाख 91 हजार 300 लोगों की जान जा चुकी है तथा छह करोड़ 89 लाख 90 हजार 695 लोग ठीक हो चुके हैं। 

 

अमेरिका में संक्रमितों की संख्या बढ़कर दो करोड़ 96 लाख 67 हजार 304 हो गई है, जबकि पांच लाख 39 हजार 698 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। अमेरिका, ब्राजील और भारत के बाद कोरोना वायरस से सर्वाधिक प्रभावित देशों में चौथे स्थान पर रूस है। जहां कोरोना वायरस से 43.78 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि 92,266 लोगों की मौत हो चुकी है। ब्रिटेन में कोरोना वायरस से 42.94 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और 1,26,163 लोगों की मौत हो चुकी है। दुनिया में एक करोड़ से अधिक कोरोना मामलों की संख्या वाले तीन देशों में शामिल ब्राजील दूसरे स्थान पर है और यहां अब तक एक करोड़ 17 लाख 80 हजार 820 लोग इस वायरस के संक्रमण से प्रभावित हुए है और दो लाख 87 हजार 499 मरीजों की मौत हो चुकी है। 

 

कोरोना वायरस से संक्रमित रहे ज्यादातर लोग कम से कम छह महीने तक दोबारा इसकी चपेट में नहीं आते हैं, लेकिन 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग मरीजों के फिर से संक्रमित होने का कहीं अधिक खतरा है। ‘द लांसेट' जर्नल के एक नये अध्ययन में यह दावा किया गया है। डेनमार्क के स्टेटेंस सीरम इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने देश की राष्ट्रीय कोविड-19 जांच रणनीति के तहत आंकड़े एकत्र किये। इसके जरिए 2020 में दो-तिहाई आबादी की जांच की गई।

 

 

वैज्ञानिकों के मुताबिक अध्ययन में 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के कोविड-19 की चपेट में आने की कहीं अधिक संभावना होने का पता चला। अध्ययन के तहत वैज्ञानिकों ने उम्र एवं लैंगिक आधार पर और संक्रमण के समय में अंतर पर गौर करते हुए पॉजिटिव और नेगेटिव जांच परिणामों के अनुपात का आकलन किया। वैज्ञानिकों का मानना है कि अध्ययन के नतीजे महामारी के दौरान बुजुर्ग आबादी की सुरक्षा के लिए उपाय किये जाने का महत्व बताते हैं। 

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