DGP दिलबाग बोले- जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर हुए हमले के पीछे सीमा पार आयुध फैक्टरी का हाथ होना का संकेत

Edited By Seema Sharma,Updated: 20 Jul, 2021 04:41 PM

cross border ordnance factory involvement in probe into attack on jammu iaf

जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (DGP) दिलबाग सिंह ने मंगलवार को कहा कि ड्रोन ने आतंकी समूहों से सुरक्षा खतरों में एक नया आयाम जोड़ा है और पिछले महीने जम्मू वायु सेना स्टेशन पर हमले की जांच में पाकिस्तान के आयुध कारखाने जैसे सरकार समर्थित तत्वों और...

नेशनल डेस्क: जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (DGP) दिलबाग सिंह ने मंगलवार को कहा कि ड्रोन ने आतंकी समूहों से सुरक्षा खतरों में एक नया आयाम जोड़ा है और पिछले महीने जम्मू वायु सेना स्टेशन पर हमले की जांच में पाकिस्तान के आयुध कारखाने जैसे सरकार समर्थित तत्वों और सरकार से इतर तत्वों की संलिप्तता दिखाई देती है। उन्होंने बताया कि अतीत में सीमा पार से ड्रोन का इस्तेमाल भारतीय क्षेत्र के अंदर मुद्रा, हथियार और गोला-बारूद गिराने के लिए किया गया तथा आतंकी गतिविधियों में मानव रहित विमानों (UAV) की शुरुआत के साथ इस नए और उभरते खतरे को असरदार तरीके से निष्प्रभावी करने के प्रयासों की आवश्यकता है। वर्ष 1987 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के अधिकारी सिंह ने एक इंटरव्यू के दौरान विभिन्न मुद्दों पर बात की। इनमें आतंकवाद के मोर्चे पर वर्तमान स्थिति और प्रतिबंधित लश्कर-ए--तैयबा (LeT) जैसे आतंकी संगठनों द्वारा ड्रोन के उपयोग से सामने आए नए खतरे जैसे विषय शामिल हैं।

 

DGP ने कहा कि ड्रोन हाल में आए हैं, कह सकते हैं कि पिछले साल सितंबर में। पहले हैरानी हुई, लेकिन हम उस खतरे का मुकाबला करने के लिए अपने संसाधनों को तैयार करने में सक्षम हैं। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हथियारों और नशीले पदार्थों और अन्य विस्फोटकों को ले जाने वाले ड्रोन के उपयोग के मामलों में...हमारी सुरक्षा ग्रिड, पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की खुफिया ग्रिड, जवाबी कार्रवाई करने में बहुत प्रभावी है। सिंह ने कह कि हम करीब 40 उड़ानों में से 32 उड़ानों को रोकने में कामयाब रहे।'' उन्होंने कहा कि हालांकि, जम्मू भारतीय वायु सेना (IAF) स्टेशन पर 26 और 27 जून की रात जो हुआ ‘‘वह बहुत ही निंदनीय घटना थी और सरकार समर्थित तत्वों (पाकिस्तान सेना या खुफिया एजेंसी आईएसआई) की मदद के जरिए सरकार से इतर तत्वों (आतंकी समूहों) ने इस घटना को अंजाम दिया।'' जम्मू वायु सेना स्टेशन पर ड्रोन का इस्तेमाल इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) गिराने के लिए किया गया था। 

 

सिंह ने कहा कि दूसरा और सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा जो जांच के दौरान सामने आया, वह यह था कि विशेषज्ञ की राय ने ‘‘सुझाव दिया कि आईईडी आयुध फैक्टरी जैसी अच्छी तरह से संगठित इकाई में शायद तैयार हुई...इस पर एक आयुध फैक्टरी के कुछ निशान मिले। दूसरा पहलू यह था कि आईईडी में इस्तेमाल होने वाली विस्फोटक सामग्री आरडीएक्स थी और यह खुले बाजार में उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि यह एक सैन्य ग्रेड विस्फोटक सामग्री है और इसे निश्चित रूप से सीमा पार से एक सरकारी एजेंसी से मंगवाया गया होगा। उन्होंने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी समूह हथियारों, मादक पदार्थ और धन को पहुंचाने के लिए ड्रोन का नियमित रूप से इस्तेमाल करता रहा है। सिंह ने कहा, ‘‘इस कृत्य (जम्मू आईएएफ स्टेशन पर हमला) में एलईटी की संलिप्तता के कुछ निशान मिले हैं... विस्फोटकों के प्रकार और विस्फोटक की प्रकृति और निर्माण की प्रकृति जैसे कुछ संकेतों से पता चलता है कि इस प्रक्रिया में सरकार समर्थित तत्वों के अलावा इससे इतर तत्व भी शामिल रहे होंगे।''

 

ड्रोन के जरिए आतंकियों तक पैसे भी पहुंचाए जा रहे
 उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में ड्रोन का इस्तेमाल न केवल हथियार और गोला-बारूद गिराने के लिए किया गया है, बल्कि जम्मू कश्मीर में आतंकी नेटवर्क को बनाए रखने के लिए पैसे भेजने के संबंध में भी इस्तेमाल किया गया है। उन्होंने और ब्योरा साझा किए बिना कहा कि ड्रोन से गिराया गया धन भारतीय मुद्रा में था। बहुत बड़ी रकम नहीं थी। यह केवल 50,000 रुपए थी, लेकिन किसी विशेष व्यक्ति के लिए, एक विशेष काम करने के लिए यह राशि भी एक आतंकवादी हमले के लिए पर्याप्त है। सिंह ने कहा कि नकदी अन्य तरीकों से भी आई है। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोग पाकिस्तान गए थे और उपहार के सामान के रूप में टिफिन बॉक्स के साथ लौटे। टिफिन बॉक्स के धातु और प्लास्टिक के हिस्से के भीतर मुद्रा छिपाकर रखी गई। एक टिफिन बॉक्स में आसानी से एक लाख रुपए से दो लाख रुपए तक ले जाया जा सकता है।

 

सिंह ने कहा कि हमें बड़ी संख्या में ऐसी वस्तुओं को पकड़ने में कामयाबी मिली जो पाकिस्तान से यात्रा कर आने वाले लोगों के माध्यम से भेजी गई थी। इसके अलावा हमारी तलाश के दौरान सांबा से कश्मीर आ रहे एक ट्रक से 26 लाख रुपए नकदी पकड़ने में कामयाबी मिली। वह धन भी मूल रूप से पंजाब के नशीले पदार्थों से प्राप्त किया गया था। DGP ने कहा कि इससे पहले हंदवाड़ा में पुलिस ने मादक पदार्थ के एक तस्कर के पास से एक करोड़ 20-25 लाख रुपए से अधिक रकम जब्त की थी। यह रकम आतंकवादियों और उनके परिवारों, मददगारों के बीच बांटने के लिए थी। इस संबंध में गंभीर कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि लेकिन ड्रोन के मामले में हमें निश्चित रूप से यह देखने के लिए और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है कि इस उभरते खतरे को प्रभावी ढंग से बेअसर कर दिया जाए।

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