Edited By Radhika,Updated: 04 Mar, 2024 03:43 PM
दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को पूर्व TMC सांसद महुआ मोइत्रा के आवेदन को अस्वीकृत कर दिया है। इस आवेदन में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहाद्राई को व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत लेने के संबंध में कोई भी सामग्री बनाने, पोस्ट,...
नेशनल डेस्क: दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को पूर्व TMC सांसद महुआ मोइत्रा के आवेदन को अस्वीकृत कर दिया है। इस आवेदन में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहाद्राई को व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत लेने के संबंध में कोई भी सामग्री बनाने, पोस्ट, प्रकाशित, अपलोड, वितरित करने से रोकने का निर्देश देने की डिमांड दी थी।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक पिछले साल अक्टूबर में, निशिकांत दुबे ने टीएमसी नेता पर व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से "नकद और उपहार के बदले में" संसद में सवाल पूछने का आरोप लगाया था। उन्होंने वकील जय अनंत देहाद्राई के पत्र का हवाला दिया था जिसमें मोइत्रा और हीरानंदानी के बीच कथित आदान-प्रदान के "अकाट्य सबूत" का उल्लेख किया गया था।
हीरानंदानी ने संसद की आचार समिति के समक्ष एक पत्र प्रस्तुत किया, जिसमें दावा किया गया कि मोइत्रा ने अपनी संसदीय लॉगिन आईडी और पासवर्ड साझा किया था ताकि वह "उनकी ओर से प्रश्न पोस्ट कर सकें"।
मोइत्रा ने एक मीडिया कंपनी से बातचीत करते हुए स्वीकार किया कि उन्होंने हीरानंदानी को अपनी संसद लॉगिन आईडी और पासवर्ड दिया था ताकि उनके कार्यालय में कोई व्यक्ति लोकसभा में पूछे जाने वाले प्रश्नों को टाइप कर सके।संसद की आचार समिति ने आरोपों की जांच में महुआ मोइत्रा को संसद में कुछ प्रश्न पूछने के बदले पैसे लेने का दोषी पाया।
बता दें कि मोइत्रा को दिसंबर में लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था। स्पीकर ओम बिरला ने कहा, "यह सदन समिति के निष्कर्ष को स्वीकार करता है कि सांसद महुआ मोइत्रा का आचरण एक सांसद के रूप में अनैतिक और अशोभनीय था। इसलिए, उनका सांसद बने रहना उचित नहीं है।"