Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 May, 2018 07:07 PM
पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवतं सिन्हा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)अब पहले जैसी आंतरिक लोकतंत्र वाली पार्टी नहीं रही क्योंकि अब उसे कोई और ही नियंत्रित कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह कोई संगठन नहीं आंदोलन है और आंदोलन को कभी पार्टी में बदलने...
नई दिल्ली: : पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवतं सिन्हा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)अब पहले जैसी आंतरिक लोकतंत्र वाली पार्टी नहीं रही क्योंकि अब उसे कोई और ही नियंत्रित कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह कोई संगठन नहीं आंदोलन है और आंदोलन को कभी पार्टी में बदलने का उनका इरादा नहीं है।सिन्हा रविवार को चंडीगढ़ में सांसद शत्रुघ्न सिन्हा के साथ राष्ट्र मंच की तरफ से आये थे ।
उन्होंने कहा कि भाजपा में जब मैं आया था उस समय हालात कुछ और थे तथा अटल बिहारी वाजपेयी ,लालकृष्ण आडवाणी जैसे महान नेता थे। पार्टी में लोकतंत्र था लेकिन अब वो पार्टी नहीं रही। उसे कोई और ही कंट्रोल कर रहा है। पूर्व मंत्री ने कहा कि उन्हें अटल जी के साथ काम करने में कोई दिक्कत नहीं महसूस होती थी लेकिन धीरे -धीरे पार्टी में लोकतंत्र खत्म होता गया और आज दो हाथों की कठपुतली बन कर रह गई है।
उन्होंने कहा कि इसे बदलने के सारे प्रयास विफल होते देख मैंने सोचा कि समय आ गया है अब पार्टी छोड़कर अपनी बात खुलकर रख सकूं। स्वेच्छा से कह सकूं। सिन्हा ने कहा कि अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव में मतदाता अपना फैसला मोदी सरकार के पांच साल के कामकाज के आधार पर देगा। अब बड़ा प्रश्न ये है कि देश की राजनीति आगे कैसे चलती है। राजनीति करवटें बदल रही है और अगले दस -ग्यारह माह में क्या बदलाव आते हैं। उसका इंतजार रहेगा। बहुत सारे सवाल देश के सामने हैं। लोगों में निराशा का वातावरण है क्योंकि नरेन्द्र मोदी ने पिछले लोकसभा चुनाव से पहले जो वादे किए थे वे महज चुनावी जुमले थे। चारों ओर युवकों से लेकर सभी वर्गों में घोर निराशा है।