Edited By vasudha,Updated: 26 Nov, 2020 09:46 AM
केंद्रीय श्रमिक संगठनों की एक दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के चलते वीरवार को देशभर में बैंकों का कामकाज प्रभावित होने के आसार हैं। भारतीय मजदूर संघ को छोड़कर दस केंद्रीय श्रमिक संघों ने केंद्र सरकार की विभिन्न नीतियों के खिलाफ वीरवार को आम हड़ताल का...
बिजनेस डेस्क: केंद्रीय श्रमिक संगठनों की एक दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के चलते वीरवार को देशभर में बैंकों का कामकाज प्रभावित होने के आसार हैं। भारतीय मजदूर संघ को छोड़कर दस केंद्रीय श्रमिक संघों ने केंद्र सरकार की विभिन्न नीतियों के खिलाफ वीरवार को आम हड़ताल का आह्वान किया है। आईडीबीआई बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र समेत कई बैंकों ने बुधवार को शेयर बाजारों से कहा कि हड़ताल के चलते उनके कार्यालयों और शाखाओं में कामकाज बाधित हो सकता है।
अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए), अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संघ (एआईबीओए) और भारतीय बैंक कर्मचारी महासंघ ने भी हड़ताल में शामिल होने की घोषणा की है। एआईबीईए ने एक बयान में कहा कि कारोबार सुगमता के नाम पर लोकसभा ने हाल में तीन नए श्रम कानून पारित किए हैं। यह पूरी तरह से कॉरपोरेट के हित में है। करीब 75 प्रतिशत कर्मचारियों को श्रम कानूनों के दायरे से बाहर कर दिया गया है और नए कानूनों के तहत उनके पास कोई विधिक संरक्षण नहीं है।
एआईबीईए, भारतीय स्टेट बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक के कर्मचारियों को छोड़कर लगभग सभी बैंक कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था है। विभिन्न सरकारी और निजी क्षेत्र के पुराने बैंकों समेत कुछ विदेशी बैंकों के कर्मचारी एआईबीईए के सदस्य हैं। बैंक कर्मचारियों के विरोध प्रदर्शन की वजह बैंकों का निजीकरण और क्षेत्र में विभिन्न नौकरियों को आउटसोर्स करना या संविदा पर करना है।
इसके अलावा बैंक कर्मचारियों की मांग क्षेत्र के लिए पर्याप्त संख्या में कर्मचारियों की भर्ती करना और बड़े कॉरेपोरेट ऋण चूककर्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना भी है। बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने शेयर बाजार से कहा कि यदि हड़ताल प्रभावी रहती है तो बैंक शाखाओं और कार्यालयों में सामान्य कामकाज प्रभावित हो सकता है।