Edited By Radhika,Updated: 06 Aug, 2025 12:43 PM

देश की राजधानी दिल्ली में बिजली की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में दिल्ली में बिजली की दरें बढ़ाने की अनुमति दे दी है। यह फैसला उन बकाया भुगतानों से जुड़ा है, जो बिजली वितरण कंपनियों को सरकार से मिलने थे
नेशनल डेस्क: देश की राजधानी दिल्ली में बिजली की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में दिल्ली में बिजली की दरें बढ़ाने की अनुमति दे दी है। यह फैसला उन बकाया भुगतानों से जुड़ा है, जो बिजली वितरण कंपनियों को सरकार से मिलने थे।

क्या हैं सुप्रीम कोर्ट की शर्तें?
सुप्रीम कोर्ट ने बिजली की कीमतें बढ़ाने की मंजूरी देते हुए कुछ महत्वपूर्ण शर्तें रखी हैं। कोर्ट ने कहा कि बढ़ोतरी Reasonable and Affordable होनी चाहिए। इसके अलावा कीमतें दिल्ली बिजली नियामक आयोग (DERC) द्वारा तय की गई सीमा से अधिक नहीं होनी चाहिए। कोर्ट ने DERC को एक विस्तृत रोडमैप तैयार करने का निर्देश दिया है, जिसमें यह बताया जाए कि बिजली की दरें कैसे, कब और कितनी बढ़ाई जाएंगी। रिपोर्ट के अनुसार ये बढ़ी हुई दरें सभी तरह के उपभोक्ताओं - व्यक्तिगत, आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक पर लागू होंगी।
अन्य राज्यों पर भी पड़ेगा असर
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला सिर्फ दिल्ली तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसका असर पूरे देश के अन्य राज्यों पर भी पड़ सकता है। दरअसल यह मामला बिजली वितरण कंपनियों के Regulatory assets के बकाया भुगतानों को लेकर था। कोर्ट ने सभी लंबित भुगतानों को अगले चार साल के भीतर चुकाने का निर्देश दिया है। इसका मतलब है कि जिन राज्यों में लंबे समय से ये भुगतान अटके हुए हैं, वहां भी आने वाले चार सालों में बिजली की दरें बढ़ सकती हैं। नियामक परिसंपत्तियों का मतलब उन बकाया भुगतानों से है, जो बिजली वितरण कंपनियां राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली सप्लाई के बदले मांगती हैं।