दिल्ली में AQI बढ़कर 461 तक पहुंचा, रोहिणी और वजीरपुर में 500 के करीब

Edited By Updated: 15 Dec, 2025 12:05 AM

the aqi in delhi rose to 461 with levels near 500 in rohini and wazirpur

दिल्ली में रविवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 461 तक पहुंच गया और यह सर्दी में शहर का सबसे प्रदूषित दिन रहा तथा रिकॉर्ड में दिसंबर का दूसरा सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाला दिन रहा। हवा की धीमी गति और कम तापमान के कारण प्रदूषक सतह के करीब ही फंसे...

नेशनल डेस्क: दिल्ली में रविवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 461 तक पहुंच गया और यह सर्दी में शहर का सबसे प्रदूषित दिन रहा तथा रिकॉर्ड में दिसंबर का दूसरा सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाला दिन रहा। हवा की धीमी गति और कम तापमान के कारण प्रदूषक सतह के करीब ही फंसे रहे। वजीरपुर स्थित वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्र ने दिन के दौरान अधिकतम संभव वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 500 दर्ज किया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) इसके बाद डेटा दर्ज नहीं करता है।

सीपीसीबी के समीर ऐप के अनुसार, शाम चार बजे तक दिल्ली के 39 सक्रिय वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्रों में से 38 में प्रदूषण का ‘गंभीर' स्तर दर्ज हुआ, जबकि केवल शादीपुर में ही यह ‘बहुत खराब' श्रेणी में रहा। रोहिणी में भी दिन के दौरान एक्यूआई का स्तर 500 तक पहुंच गया, जबकि अशोक विहार, जहांगीरपुरी और मुंडका में एक्यूआई का स्तर 499 दर्ज किया गया। राजधानी में घना कोहरा छा गया और वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) एक दिन पहले के 432 से बढ़कर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। ऐसा अप्रैल 2015 में एक्यूआई निगरानी प्रणाली शुरू होने के बाद हुआ है। महीने में प्रदूषण का उच्च स्तर केवल 21 दिसंबर 2017 को दर्ज किया गया था, जब औसत एक्यूआई 469 तक पहुंच गया था।

हालांकि सोमवार दोपहर के बाद हवा की गति बढ़ने की उम्मीद है, लेकिन पूर्वानुमानों से पता चलता है कि वायु गुणवत्ता में कोई भी सुधार धीरे-धीरे होगा। सीपीसीबी के मानकों के अनुसार, एक्यूआई 0 से 50 के बीच ‘अच्छा', 51 से 100 ‘संतोषजनक', 101 से 200 ‘मध्यम', 201 से 300 ‘खराब', 301 से 400 ‘बेहद खराब' और 401 से 500 ‘गंभीर' माना जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने प्रदूषित हवा के लंबे समय तक संपर्क में रहने के कारण लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरों की चेतावनी दी है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ शीला यादव ने कहा कि एक्यूआई का स्तर 300 और 400 के बीच रहने तथा कभी-कभी 450 के पार पहुंचने के कारण लोगों को खासकर सुबह के समय बाहर टहलने या व्यायाम करने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि शारीरिक गतिविधि को बंद नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन इसे घर के अंदर ही करना चाहिए, क्योंकि प्रदूषित हवा के संपर्क में आने से पीएम2.5 जैसे महीन कण फेफड़ों में गहराई तक प्रवेश कर सकते हैं।

यादव ने लोगों को सलाह दी कि वे केवल आवश्यक होने पर ही बाहर निकलें। उन्होंने जोर देकर कहा कि सांस लेने वाली गतिविधियों से बचें और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करने के लिए स्वस्थ आहार, पर्याप्त मात्रा में पानी पीने और मौसमी फलों का सेवन करें। शनिवार को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने प्रतिकूल मौसम की स्थिति के बीच प्रदूषण के स्तर में तेजी से वृद्धि होने के बाद दिल्ली-एनसीआर में सभी निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर प्रतिबंध सहित अपने वायु प्रदूषण नियंत्रण योजना, 'चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना' (ग्रैप) के तहत सबसे सख्त उपाय (चरण चार) लागू किए।

ग्रैप पर बनी उप-समिति ने शनिवार को पूरे एनसीआर में वायु गुणवत्ता की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए तत्काल प्रभाव से ग्रैप के तीसरे चरण को लागू करने का निर्णय लिया। इस बीच, रविवार को न्यूनतम तापमान इस मौसम के औसत से 0.4 डिग्री कम 8.2 डिग्री सेल्सियस रहा और अधिकतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार शाम 5.30 बजे सापेक्ष आर्द्रता 87 प्रतिशत थी। मौसम विभाग ने सोमवार के लिए मध्यम कोहरे का पूर्वानुमान जताया है, जिसमें अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान आठ डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है।

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