Edited By Radhika,Updated: 23 Jan, 2024 03:20 PM
भारत में मौजूद कई ऐसे स्थान हैं जो अपने इतिहास के कारण काफी मशहूर हैं। आज हम आपको एक ऐसे स्थान के बारे में बताने वाले हैं, जिसपर लोग जूते-चप्पल मारते हैं। असल में यह एक कब्र है, जिसके बारे में शायद ही लोगों को पता होगा।
नेशनल डेस्क: भारत में मौजूद कई ऐसे स्थान हैं जो अपने इतिहास के कारण काफी मशहूर हैं। आज हम आपको एक ऐसे स्थान के बारे में बताने वाले हैं, जिसपर लोग जूते-चप्पल मारते हैं। असल में यह एक कब्र है, जिसके बारे में शायद ही लोगों को पता होगा। जानते हैं इस स्थान के बारे में-
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> दरअसल जिस स्थान के बारे में हम आपसे बात करने वाले हैं, वह एक कब्र है, जिसे लोग जूते- चप्पल मारते हैं। यहां सवाल उठता है कि मर चुके इंसान की कब्र पर कोई जूते- चप्पल क्यों मारेगा। आपके सवाल का जवाब देते हुए आपको बता दे कि यह कब्र पंजाब के मुक्तसर में है, जहां आने वाला हर पंजाबी जूते चप्पल मारता है। यह कब्र में मुग़ल नूरदीन की है, जिसने श्री गुरु गोबिंद सिंह जी को जान से मारने की कोशिश की थी। हालांकि उसके इस हमले में गुरु साहिब ने उसे मार गिराया और इस जगह दफन कर दिया। तब से आज तक लोग इस गुनाह की सजा नूरदीन को देते हैं।
इतिहास देखने पर ऐसा पता चलता है कि नूरदीन एक जासूस था जो मुगलों के लिए काम करता था। मुगलों के कहने पर वह श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के साथ भेष बदल कर रहने लगा। वह अक्सर ही उन्हें मारने के मौके ढ़ूढता था।
एक सुबह जब गुरु साहब दातुन कर रहे थे, तब नूरदीन ने पीछे से उनपर वार किया। गुरु साहिब ने बड़ी फुर्ती से वार को रोकते हुए उसे ढेर कर दिया। नूरदीन की इस कब्र को जूते- चप्पल मार कर गिरा दिया जाता है और फिर से खड़ा किया जाता है। खासकर माघी के ऐतिहासिक मेले में आने वाले लोग इस कब्र पर जूते मारने से नहीं चूकते।