Edited By Niyati Bhandari,Updated: 15 May, 2025 06:35 AM

Vrishabh Sankranti 2025: जब सूर्य एक राशि से निकल कर दूसरी राशि में गोचर करते हैं तो उसे संक्रांति कहा जाता है। इस समय सूर्य मेष राशि में विराजमान हैं लेकिन 15 मई को सूर्य मेष राशि से निकल कर वृषभ राशि में गोचर करेंगे तो इसे वृषभ संक्रांति के नाम से...
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Vrishabh Sankranti 2025: जब सूर्य एक राशि से निकल कर दूसरी राशि में गोचर करते हैं तो उसे संक्रांति कहा जाता है। इस समय सूर्य मेष राशि में विराजमान हैं लेकिन 15 मई को सूर्य मेष राशि से निकल कर वृषभ राशि में गोचर करेंगे तो इसे वृषभ संक्रांति के नाम से जाना और मनाया जाएगा। इस दिन स्नान, पितृ तर्पण और दान करना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। वृषभ संक्रांति के दिन सूर्य देव को प्रसन्न करने से शुभ फलों की प्राप्ति तो होती ही है और समाज में मान-सम्मान भी मिलता है। तो आइए जानते हैं, वृषभ संक्रांति के दिन सूर्य देव को कैसे प्रसन्न करें-
How to Please Surya dev on Vrishabha Sankranti वृषभ संक्रांति पर इस तरह करें सूर्य देव को प्रसन्न
वृषभ संक्रांति के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पूरे विधि-विधान के साथ सूर्य दव को तांबे के लोटे में जल भरकर अर्घ्य दें। साथ ही पूजा करते समय सूर्य देव के मंत्रों का जाप करें। ऐसा करने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं और अपनी विशेष कृपा बनाकर रखते हैं। सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
वृषभ संक्रांति के दिन दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है। इस दिन अपनी क्षमतानुसार गरीबों और जरूरतमंदों को वस्त्र, भोजन और पैसे का दान करने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं। इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण करना बहुत शुभ होता है।
इस दिन सूर्य देव के साथ भगवान विष्णु और शिव जी की पूजा करें। साथ ही गाय माता का या फिर किसी गौशाला में गायों के लिए जरूरी सामान का दान करें। ऐसा करने से सूर्य देव की कृपा बनी रहेगी और जीवन से सारे दुख दूर हो जाएंगे।

Importance of Vrishabha Sankranti वृषभ संक्रांति का महत्व
वृषभ संक्रांति के दिन सूर्य देव की पूरे विधि-विधान से पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है और जीवन में तमाम तरह के सुखों की प्राप्ति होती है। वृषभ संक्रांति के दिन पितरों के लिए तर्पण, दान, धर्म, स्नान आदि किया जाए तो मोक्ष की प्राप्ति होती है।
