Edited By Yaspal,Updated: 24 Jan, 2020 11:15 PM
कांचीपुरम जिले में ईवी रामासमय पिरयार की प्रतिमा क्षतिग्रस्त पाई गई। तमिलनाडू के राजनीतिक नेताओं ने इसकी निंदा की है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। पुलिस ने कहा कि शुक्रवार सुबह सलावक्कम में प्रतिमा क्षतिग्रस्त मिलने के बाद...
नेशनल डेस्कः कांचीपुरम जिले में ईवी रामासमय पेरियार की प्रतिमा क्षतिग्रस्त पाई गई। तमिलनाडू के राजनीतिक नेताओं ने इसकी निंदा की है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। पुलिस ने कहा कि शुक्रवार सुबह सलावक्कम में प्रतिमा क्षतिग्रस्त मिलने के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई। द्रमुक नेता एमके स्टालिन ने कहा कि पेरियार की प्रतिमा क्षतिग्रस्त करना शर्मनाक है। राज्य सरकार ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे।
राज्य के पुलिस महानिदेशक एलके त्रिपाठी ने परियार या अन्य किसी नेता की प्रतिभा को नुकसान पहुंचाने में संलिप्त असामाजिक तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। पीएमके नेता एस. रामदास ने घटना पर चिंता जताते हुए कहा है कि इससे शांति व्यवस्था को नुकसान पहुंचेगा। भाकपा के प्रदेश सचिव आर मुतारसन और एएमएमके नेता टीटीवी दिनाकरण ने भी तोडफोड़ की निंदा की है।
यह घटना तमिलनाडु में छिड़ी एक नई बहस के बीच हुई है। अभिनेता रजनीकांत ने पिछले सप्ताह द्रविड़ नेता की 1971 की रैली के बारे टिप्पणी कर विवाद को जन्म दिया है। मद्रास हाईकोर्ट ने शुक्रवार को रजनीकांत के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी। याचिका द्रविड़ विधुतलै कषगम ने दायर की थी। कोर्ट ने हैरत जताई कि पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के 15 के भीतर याची कोर्ट क्यों पहुंचा है।
तमिल पत्रिका तुगलक की ओर से 14 जनवरी को आयोजित एक कार्यक्रम में रजनीकांत ने कहा था कि सलेम में 1971 में पेरियार ने रैली निकाली थी जिसमें उन्होंने भगवान श्रीराम और सीता की नग्न प्रतिमा रखी थी। उनकी प्रतिमा को चंदन की माला पहनाई गई थी। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी राजनीतिक पार्टी उतारने में जुटे अभिनेता ने माफी मांगने से मना कर दिया है। द्रविड़ संगठन रजनीकांत से माफी मांगने की मांग कर रहे हैं।