फारूक अब्दुल्ला के विवादित बोल: मोदी सरकार को दी लाल चौक पर झंडा फहराने की चुनौती

Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Nov, 2017 09:39 PM

farooq abdullah challenges modi  s government to flag the flag at lal chowk

एक बार फिर विवादित टिप्पणी करते हुए जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को चुनौती दी कि वह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में तिरंगा फहराने की बातें करने से पहले श्रीनगर के लाल चौक पर राष्ट्रीय ध्वज...

जम्मू: एक बार फिर विवादित टिप्पणी करते हुए जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को चुनौती दी कि वह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में तिरंगा फहराने की बातें करने से पहले श्रीनगर के लाल चौक पर राष्ट्रीय ध्वज फहराकर दिखाए।

भाजपा ने फारूक की टिप्पणी की आलोचना की है। पार्टी नेता एवं राज्य के उप-मुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस अलगाववादियों और आतंकवादियों को मजबूत कर रही है। उन्होंने कहा कि लाल चौक सहित राज्य के हर हिस्से में तिरंगा फहराया जा रहा है।

फारूक ने हाल में यह टिप्पणी भी की थी कि पीओके भारत का हिस्सा कभी नहीं बन सकता। अपनी इस टिप्पणी के बारे में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने सिर्फ तथ्य कहा और पीओके के बारे में जो कुछ कहा वह ‘‘सच’’ है। उन्होंने कहा, ‘‘वे (केंद्र एवं भाजपा) पीओके में झंडा फहराने की बातें कर रहे हैं। मैं उनसे कहता हूं कि वे पहले श्रीनगर के लाल चौक पर जाकर तिरंगा फहराएं। वे ऐसा कर नहीं सकते और पीओके की बातें करते हैं।’’

अपनी टिप्पणी के बचाव में नेशनल कांफ्रेंस के नेता ने कहा, ‘‘यदि आप सच सुनना पसंद नहीं करते तो भुलावे में ही रहें। सच यह है कि (पीओके) हमारा हिस्सा नहीं है और यह (जम्मू-कश्मीर) उनका (पाकिस्तान का) हिस्सा नहीं है। यह सच है।’’ कांग्रेस नेता एवं पूर्व सांसद जी एल डोगरा की 30 वीं पुण्य तिथि के मौके पर उन्हें पुष्पांजलि अॢपत करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में फारूक ने यह टिप्पणी की।

यह पूछे जाने पर कि क्या वह ऐसी टिप्पणियां करके भारतीय संवेदनाएं आहत नहीं कर रहे, उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय संवेदना क्या होती है? क्या आप यह सोच रहे हैं कि मैं भारतीय नहीं हूं ?’’ उन्होंने कहा, ‘‘आप किनकी संवेदनाओं की बात कर रहे हैं ? उन दुष्टों के बारे में जिन्हें हमारी तकलीफें नहीं दिखाई देतीं? जो सीमा पर रहने वाले लोगों की तकलीफें नहीं देखते? कि जब गोले बरसने शुरू होते हैं तो उन्हें कैसी तकलीफ से गुजरना पड़ता है।’’

हाल में छुट्टी पर गए थलसेना के एक जवान की हत्या के बारे में पूछने पर फारूक ने कहा कि यह सवाल तो केंद्र से पूछा जाना चाहिए क्योंकि वह दावा करता है कि नोटबंदी के बाद कश्मीर में शांति लौट आई है। फारूक ने उस घटना की निंदा की जिसमें कुछ दिन पहले राजौरी जिले में राष्ट्रगान के वक्त दो छात्र खड़े नहीं हुए। उन्होंने कहा कि देश के लिए सम्मान महत्वपूर्ण है और राष्ट्रगान सबसे अधिक सम्माननीय है। उन्होंने कहा कि दोषियों के माफी मांगने तक सरकार को उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए और उन्हें हलफनामा देना चाहिए कि वे ऐसा दोबारा नहीं करेंगे।

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