Edited By Monika Jamwal,Updated: 18 Feb, 2022 03:50 PM
जम्मू कश्मीर के छात्र संगठन ''जम्मू कश्मीर स्टूडेंट एसोसिएशन'' ने देश के अन्य हिस्सों में पढ़ रहे केन्द्र शासित क्षेत्र के युवाओं से अपनी शिक्षा और करियर पर ध्यान देने तथा अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखने और सोशल मीडिया पर भड़काऊ बातें न लिखने का आग्रह...
भोपाल : जम्मू कश्मीर के छात्र संगठन 'जम्मू कश्मीर स्टूडेंट एसोसिएशन' ने देश के अन्य हिस्सों में पढ़ रहे केन्द्र शासित क्षेत्र के युवाओं से अपनी शिक्षा और करियर पर ध्यान देने तथा अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखने और सोशल मीडिया पर भड़काऊ बातें न लिखने का आग्रह किया है।
यह अपील मध्य प्रदेश में पढ़ने वाले जम्मू-कश्मीर के एक नाबालिग छात्र द्वारा कथित तौर पर पुलवामा आतंकी हमले के बारे में आपत्तिजनक वीडियो पोस्ट करने की घटना की बाद की गई है। नीमच के कॉलेज के इस कश्मीरी छात्र के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है।
संठगन के राष्ट्रीय प्रवक्ता नासिर खुहेमी ने एक प्रेस बयान में कहा, "हम कश्मीर के बाहर पढ़ने वाले सभी कश्मीरियों से शांति भंग करने वाली किसी भी गतिविधि से दूर रहने का आग्रह करते हैं।" उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री विशेष छात्रवृत्ति योजना के तहत मध्य प्रदेश के नीमच में स्वामी विवेकानंद पीजी कॉलेज में पढ़ने वाले नाबालिग छात्र ने पुलवामा हमले को लेकर सोशल मीडिया में आपत्तिजनक पोस्ट किया था और उसने पुलवामा हमले को बाबरी मस्जिद विध्वंस का बदला लेने का कृत्य बताया था। 14 फरवरी 2019 को हुए इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
खुहेमी ने कॉलेज के प्राचार्य विजय जैन के हवाले से कहा कि छात्र के खिलाफ कॉलेज की ओर से शिकायत दर्ज कराई गई है और आरोपी फिलहाल पुलिस हिरासत में है।
उन्होंने कहा "हम सभी कश्मीरी छात्रों से आग्रह करते हैं कि वे अपनी शिक्षा पर ध्यान दें और आग में घी डालने वाली बातें सोशल मीडिया पर न लिखें। हम छात्रों से बहस से बचने और भावनाओं में न बहने का अनुरोध करते हैं।" उन्होंने कहा कि भारत के अन्य राज्यों में पढ़ने वाले सभी कश्मीरी छात्रों को धैर्य रखना चाहिए और शांत रहना चाहिए, उन्हें उकसावे में आने के बजाय अपना करियर बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनका जीवन, करियर और कल्याण सोशल मीडिया पोस्ट से ज्यादा अहम है और उन्हें किसी को भी अपना करियर बर्बाद करने का मौका नहीं देना चाहिए।
संगठन प्रमुख ने कहा," हमें सभी की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए और भावनाओं पर नियंत्रण रखना चाहिए क्योंकि इससे दूसरे की भावनाओं को ठेस पहुंच सकती है। आपत्तिजनक पोस्ट ने लोगों की भावनाओं को आहत किया है जो गलत और अनुचित है।" उन्होंने कहा कि देशद्रोह के लिए काफी कड़ी सजा है जो कि नाबालिग छात्र का करियर बर्बाद कर सकती है।