Edited By vasudha,Updated: 04 Jul, 2018 06:37 PM
कांग्रेस ने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 200 रुपये प्रति किंव्टल बढ़ाने की सरकार की घोषणा को ‘जुमलावाणी’ और ‘राजनीतिक लॉलीपॉप’ करार देते हुए कहा कि पिछले चार वर्षों में किसानों की हालात बहुत ज्यादा खराब हुई है...
नेशनल डेस्क: कांग्रेस ने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 200 रुपये प्रति किंव्टल बढ़ाने की सरकार की घोषणा को ‘जुमलावाणी’ और ‘राजनीतिक लॉलीपॉप’ करार देते हुए कहा कि पिछले चार वर्षों में किसानों की हालात बहुत ज्यादा खराब हुई है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा कि समर्थन मूल्य की ‘जुमलावाणी’ है। यह ऊंट के मुंह में जीरा है। भाजपा का वादा था कि ‘लागत+50’ समर्थन मूल्य देंगे लेकिन अब जुमला गढ़ कर धोखा दिया जा रहा है।
जुमले गढ़ रही सरकार
कांग्रेस नेता ने कहा कि मई, 2014 में जुमलावाणी कर मोदी जी ने देश के अन्नदाता किसान का समर्थन तो हासिल कर लिया, पर चार सालों से फसलों पर ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य’ की बिसात पर कभी खरे नहीं उतरे। अब हार की कगार पर खड़ी मोदी सरकार एक बार फिर ‘राजनैतिक लॉलीपॉप’ के नए जुमले गढ़ रही है। सुरजेवाला ने दावा किया कि सच तो यह है कि किसान को 49 महीने में न समर्थन मूल्य मिला, न मेहनत की कीमत। न कर्ज से मुक्ति मिली, न अथक परिश्रम का सम्मान। न खाद/कीटनाशक दवाई/बिजली/डीकाल की कीमतें कम हुईं और न ही हुआ फसल के बाजार भावों का इंतजाम।
‘जुमलों’ से किसान का नहीं भरेगा पेट
सुरजेवाला ने कहा कि किसान कह रहा है कि केवल ‘जुमलों’ और ‘कोरी झूठ’ से पेट नहीं भर सकता। दरअसल, सरकार ने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) आज 200 रुपये प्रति किंव्टल बढ़ा दिया। इससे सरकारी खजाने पर 15 हजार करोड़ रुपये से अधिक का बोझ आएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों से संबंधित समिति ने आज 14 खरीफ फसलों के एमएसपी के प्रस्तावों को स्वीकृत किया। सरकार ने यह निर्णय ऐसे समय लिया है जबकि कृषि उपजों के दाम गिरने से किसान परेशान हैं और आम चुनाव एक साल के अंदर होने वाले हैं।