देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी LIC पर सरकार का बड़ा फैसला, इन 5 बैंकों को भी सरकार की बाय-बाय!

Edited By Updated: 11 Aug, 2025 05:03 PM

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भारत सरकार एक बार फिर बड़ी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में है – इस बार निशाने पर है देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी LIC और पांच प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक। इस कदम का उद्देश्य सेबी (SEBI) के उस नियम का पालन करना है, जिसके तहत किसी भी सूचीबद्ध कंपनी...

नई दिल्ली: भारत सरकार एक बार फिर बड़ी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में है – इस बार निशाने पर है देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी LIC और पांच प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक। इस कदम का उद्देश्य सेबी (SEBI) के उस नियम का पालन करना है, जिसके तहत किसी भी सूचीबद्ध कंपनी में प्रमोटर की हिस्सेदारी 75% से अधिक नहीं होनी चाहिए।

क्या है मामला?
वर्तमान में सरकार की LIC में हिस्सेदारी लगभग 96.5% है, जबकि इंडियन ओवरसीज बैंक, यूको बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ महाराष्ट्र में भी सरकार की होल्डिंग 75% से ऊपर है। सेबी ने यह सीमा इसलिए तय की है ताकि शेयर बाजार में पर्याप्त सार्वजनिक भागीदारी बनी रहे और निवेशकों के पास खरीद-बिक्री की पर्याप्त गुंजाइश हो।

LIC: बाजार की दिग्गज, लेकिन नियमों से बाहर
मार्च 2022 में IPO के दौरान, सरकार ने LIC में सिर्फ 3.5% हिस्सेदारी बेची थी।
IPO के बाद भी सरकार की हिस्सेदारी 96.5% बनी रही, जो सेबी के तय मानकों से कहीं अधिक है।
सेबी ने पहले LIC को मई 2024 तक 10% सार्वजनिक हिस्सेदारी हासिल करने का समय दिया था, जिसे अब मई 2027 तक बढ़ा दिया गया है।
LIC का मार्केट कैप इस समय लगभग ₹5.66 लाख करोड़ है।
सोमवार को इसके शेयर ₹895.60 पर ट्रेड कर रहे थे, जिसमें 1.86% की गिरावट दर्ज की गई।

 इन बैंकों में भी घटेगी सरकारी पकड़
सरकार जिन पांच बैंकों में हिस्सेदारी कम करने जा रही है, वे हैं:

बैंक का नाम    वर्तमान सरकारी हिस्सेदारी
इंडियन ओवरसीज बैंक    94.61%
यूको बैंक    90.95%
पंजाब एंड सिंध बैंक    93.85%
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया    89.27%
बैंक ऑफ महाराष्ट्र    79.60%

सेबी के नियमों के तहत, इन सभी संस्थानों में सरकार को अपनी हिस्सेदारी अगस्त 2026 तक घटाकर 75% या उससे कम करनी होगी।

रिकॉर्ड मुनाफा, विनिवेश का सही वक्त?
वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में इन सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने मिलकर ₹44,218 करोड़ का शुद्ध लाभ कमाया, जो पिछले साल की समान तिमाही से 11% अधिक है। इस मजबूत प्रदर्शन को देखते हुए सरकार ने हिस्सेदारी बिक्री के लिए मर्चेंट बैंकरों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
 

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