राजकोषीय घाटे से हिली सरकार, अब बाजार से लेगी कर्ज उधार

Edited By Yaspal,Updated: 30 Sep, 2021 08:50 PM

government shaken by fiscal deficit will now borrow loans from the market

चालू वित्त वर्ष में अगस्त तक सरकार राजकोषीय घाटा बजट अनुमान के 31.3 प्रतिशत पर पहुंच गया। इस महीने में सरकार को कुल व्यय 12,76,681करोड़ रुपये रहा है जबकि राजस्व प्राप्ति 808672 करोड़ रुपये रहा है। इस तरह से सरकार को 468009 करोड़ रुपये का घाटा रहा है जो...

बिजनेस डेस्कः चालू वित्त वर्ष में अगस्त तक सरकार राजकोषीय घाटा बजट अनुमान के 31.3 प्रतिशत पर पहुंच गया। इस महीने में सरकार को कुल व्यय 12,76,681करोड़ रुपये रहा है जबकि राजस्व प्राप्ति 808672 करोड़ रुपये रहा है। इस तरह से सरकार को 468009 करोड़ रुपये का घाटा रहा है जो बजट अनुमान का 31.1 प्रतिशत है।

वित्त मंत्रालय द्वारा जारी वित्तीय आंकड़ो के अनुसार अगस्त, 2021 तक 8,08,672करोड़ रुपये (2021-22 के लिए कुल प्राप्तियों के बजट अनुमान का 40.9 प्रतिशत) प्राप्त हुए, जिसमें 6,44,843 करोड़ रुपये कर राजस्व (केन्द्र को मिली शुद्ध राशि), 1,48,650करोड़ रुपये का गैर कर राजस्व और 15,179करोड़ रुपये की गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां शामिल हैं। गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियों में 6,808 करोड़ रुपये की वसूली और विविध पूंजीगत प्राप्तियां 8,371 करोड़ रुपये हैं।

सरकार द्वारा अगस्त, 2021 तक करों में हिस्सेदारी के अंतरण के रूप में राज्य सरकारों को 2,12,606 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए। सरकार द्वारा कुल 12,76,681करोड़ रुपये (2021-22 के लिए बजट अनुमान का 36.7 प्रतिशत) का व्यय किया गया, जिसमें से 11,04,813 करोड़ रुपये राजस्व खाते में गए और 1,71,868 करोड़ रुपये पूंजी खाते में गए। कुल राजस्व व्यय में से, 2,78,371करोड़ रुपये ब्याज के भुगतान में और 1,47,398 करोड़ रुपये प्रमुख सब्सिडी के मद में व्यय हुए।

सरकार लेगी कर्ज
सरकार राजस्व में कमी की भरपाई के लिए चालू वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी छमाही में 5.03 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लेगी। वित्त मंत्रालय ने कहा कि महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए सरकार यह कर्ज लेगी। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में सरकार ने बांड जारी कर 7.02 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘आम बजट में चालू वित्त वर्ष के लिए 12.05 लाख करोड़ रुपये के सकल ऋण का अनुमान लगाया गया है। इसमें से 60 प्रतिशत यानी 7.24 लाख करोड़ रुपये का कर्ज पहली छमाही में जुटाने की योजना बनाई गई थी।'' बयान में कहा गया है कि पहली छमाही में 7.02 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लिया गया है। अब सरकार की योजना शेष 5.03 लाख करोड़ रुपये का कर्ज दूसरी छमाही में लेने की है। दूसरी छमाही के ऋण अनुमान में जीएसटी मुआवजे के एवज में एक के बाद एक ली गई ऋण सुविधा के तहत राज्यों को शेष राशि जारी करने की जरूरत को भी शामिल किया गया है। बजट 2021-22 के अनुसार चालू वित्त वर्ष में सरकार का सकल कर्ज 12.05 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।

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