Edited By Archna Sethi,Updated: 13 May, 2024 07:14 PM

हरसिमरत कौर बादल ने नामांकन पत्र दाखिल किया
चंडीगढ़, 13 मई, (अर्चना सेठी) पूर्व केंद्रीय मंत्री और बठिंडा से सांसद हरसिमरत कौर बादल ने आज अकाली दल अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल और पार्टी की वरिष्ठ लीडरशीप की मौजूदगी में इस हलके से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। अकाली दल अध्यक्ष ने हरसिमरत कौर बादल का कवरिंग उम्मीदवार के रूप में हलके से अपना नामांकन दाखिल किया। इससे पहले अकाली दल की बठिंडा उम्मीदवार ने अपने पति सुखबीर सिंह बादल और बच्चों-अनंतबीर, गुरलीन और हरलीन के साथ बीबा बादल के नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले दमदमा साहिब में माथा टेका।बादल के साथ सैंकड़ों गाड़ियां थी , उन्होने अकाली दल अध्यक्ष और वरिष्ठ नेताओं बलविंदर सिंह भूंदड़ और जनमेजा सिंह सेखों की उपस्थिति में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए बादल ने कहा कि बार-बार मतदान के दौर से यह स्पष्ट हो गया है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अगली सरकार नही बना पाएगी।
अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि लोकसभा चुनाव में अकाली दल सबसे मजबूत पार्टी बनकर उभरी है। लोगों का मानना है कि अकाली दल अकेले ही सभी समुदायों को अपने साथ लेकर चल सकता है। उन्होने यह भी खुलासा किया कि कैसे पार्टी की पंजाब बचाओ यात्रा को क्षेत्र में अभूतपूर्व समर्थन मिल रहा है और हर हलके में हजारों लोग इसका स्वागत करने के लिए सड़कों पर आ रहे हैं। उन्होने कहा,‘‘ लोग अकाली दल के साथ भावनात्मक जुड़ाव दिखा रहे हैं जो चुनावों में दिखाई देगा। पंजाब में ऐतिहासिक नतीजे के लिए तैयार रहें।’’
अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि बठिंडा के लोग भी विकास की ओर देख रहे हैं। उन्होने कहा कि बठिंडा में विकास एक बड़ा मुददा बन गया है, क्योंकि पूर्ववर्ती कांग्रेस और वर्तमान आप सरकार दोनों ने हलके के साथ भेदभाव किया है। उन्होने कहा,‘‘ लोगों ने देखा है कि अकाली दल के कार्यकाल के दौरान इस हलके में स्थापित एम्स, केंद्रीय विश्वविद्यालय, रिफाइनरी, कैंसर अस्पतला और हवाई अडडे सहित अन्य चीजों के साथ हलके का चेहरा कैसे बदल गया है। वे विकास के दिनों की वापसी चाहते हैं और बीबा हरसिमरत कौर बादल की 1.50 से 2 लाख वोटों से जीत सुनिश्चित करेंगें।’’
हरसिमरत कौर बादल ने सेवा करने का अवसर देने के लिए ‘परमात्मा’ , पार्टी और इस हलके के लोगों को धन्यवाद दिया। उन्होने कहा,‘‘ मैंने इस हलके के गांवों और कस्बों दोनों में विकास कार्यों को शुरू करने की पूरी कोशिश की है। मुझे इस बात पर भी गर्व है कि मैंने तानाशाही प्रवृतियों के सामने पंजाब की आवाज संसद में उठाई। मैं अपनी पूरी क्षमता से इस हलके की सेवा करना जारी रखूंगी।