Edited By Seema Sharma,Updated: 02 Sep, 2019 09:29 AM
मिशन मून पर निकले ‘चंद्रयान-2’ से सोमवार को लैंडर ‘विक्रम’ ऑर्बिटर से अलग होगा। यह प्रक्रिया दोपहर बाद 12 बज कर 45 मिनट और 1 बज कर 45 मिनट के बीच होगी।’’ 7 सितम्बर को अंतरिक्ष यान चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करेगा।
चेन्नई: मिशन मून पर निकले ‘चंद्रयान-2’ से सोमवार को लैंडर ‘विक्रम’ ऑर्बिटर से अलग होगा। यह प्रक्रिया दोपहर बाद 12 बज कर 45 मिनट और 1 बज कर 45 मिनट के बीच होगी।’’ 7 सितम्बर को अंतरिक्ष यान चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करेगा। उल्लेखनीय है कि चंद्रयान-2 को चेन्नई के श्रीहरिकोटा अन्तरिक्ष प्रक्षेपण केन्द्र से 22 जुलाई को लांच किया गया था। वहीं इससे पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा कि ‘चंद्रयान-2’ ने रविवार को चन्द्रमा की 5वीं और अंतिम कक्षा में प्रवेश कर लिया और अब यह चांद से महज चंद कदमों की दूरी पर अपने लक्ष्य से केवल 6 दिन दूर है।
इसरो ने ट्वीट कर कहा, ‘‘चंद्रयान-2 ने 5वीं और अंतिम कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश कर लिया।’’ तिरंगे को लेकर जा रहा चंद्रयान-2 चंद्रमा के ‘दक्षिणी ध्रुव’ पर उतरने वाला दुनिया का पहला मिशन होगा। इस मिशन में चंद्रयान-2 के साथ कुल 13 स्वदेशी पे-लोड यान वैज्ञानिक उपकरण भेजे गए हैं। इनमें तरह-तरह के कैमरा, स्पैक्ट्रोमीटर, राडार, प्रोब और सिस्मोमीटर शामिल हैं। अमरीकी अंतरिक्ष एजैंसी नासा का एक पैसिव पेलोड भी इस मिशन का हिस्सा है जिसका उद्देश्य पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की सटीक दूरी का पता लगाना है।
अगले पांच दिन में यह होगा
चंद्र कक्षाएं बदलेगा ‘विक्रम’
तिथि समय चंद्रकक्षा
03 सितम्बर 09:00-10:00 109 3 120 कि.मी.
04 सितम्बर 03:00-04:00 36 3 110 कि.मी.
लैंडिंग
07 सितम्बर को तड़के 01:30 बजे से 02:30 बजे के बीच
कैसे बना हमारा चांद? चंद्रयान-2 से मिलेगा सही जवाब
- 1. संलयन का सिद्धांत घूर्ण गति से पृथ्वी से काफी पदार्थ अलग हुआ, गुरुत्वाकर्षण से इसी से चांद बना
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- 2. खिंचाव का सिद्धांत पास से गुजर रहा एक पिंड गुरुत्वाकर्षण में फंस कर रह गया और पृथ्वी के चारों ओर चक्कर काटने लगा
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- 3. टक्कर का सिद्धांत आकाशीय पिंड की टक्कर से पृथ्वी का एक हिस्सा टूटा और चांद बना
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- 4. ब्लैकहोल का सिद्धांत धरती जब एक ब्लैकहोल के चक्कर काट रही थी, धूल के एक बादल से चांद बना
धरती और चांद : मां से मिलते हैं गुण
चंद्रमा के बहुत से गुण हमारी धरती से मिलते हैं...
- दोनों ही ‘मिल्की वे’ ग्लैक्सी में हैं।
- अन्य ग्रहों और उनके चांद की तरह धरती और चांद में बहुत ज्यादा अंतर नहीं है।
- दोनों ही चट्टानों से बने हैं, दोनों पर ही पहाड़ और घाटियां हैं।
- दोनों पर अन्य पिंडों की टक्कर से बने क्रेटर्स हैं।
- धरती जैसी ही चांद पर परतें, आच्छादन और कोर है।
- चांद की बनावट समस्थानिक रूप से पृथ्वी-सी है।
- सबसे ज्यादा माने जाने वाला सिद्धांत भी कहता है कि चांद धरती से बना है।