भारत ही नहीं, बल्कि इन देशों में भी महिलाएं हैं पुरुषों की मानसिकता का शिकार

Edited By Anil dev,Updated: 03 Dec, 2019 11:04 AM

hyderabad china japan sri lanka lancet global health journal

डॉक्टर राधिका (बदला हुआ नाम) जब मुसीबत में थी तो उसने अपनी छोटी बहन को जानकारी देने के लिए फोन किया मगर 100 नंबर पर फोन कर मदद क्यों नहीं मांगी? राधिका को सामूहिक बलात्कार और जला देने की घटना के एक दिन बाद तेलंगाना के गृह राज्यमंत्री मोहम्मद महमूद...

नई दिल्ली: डॉक्टर राधिका (बदला हुआ नाम) जब मुसीबत में थी तो उसने अपनी छोटी बहन को जानकारी देने के लिए फोन किया मगर 100 नंबर पर फोन कर मदद क्यों नहीं मांगी? राधिका को सामूहिक बलात्कार और जला देने की घटना के एक दिन बाद तेलंगाना के गृह राज्यमंत्री मोहम्मद महमूद अली ने भी मीडिया से कहा था कि अगर वह 100 नम्बर पर फोन करतीं तो हम उसे बचा सकते थे। पर क्या पुलिस इतनी भरोसेमंद है? इसका जवाब राधिका की छोटी बहन के बयान में है। बहन के मुताबिक फोन स्विच ऑफ हो जाने के बाद जब वह तोंदुपल्ली टोल पर पहुंची और राधिका को वहां न पाकर पुलिस से मदद मांगी तो पुलिस का जवाब था कि वह भाग गई होगी। महिलाएं अगर संकट में हैं, पीड़ित हैं तो भी उन्हें ही ‘अग्निपरीक्षा’ पास करनी होगी। समाज की यह बहुत पुरानी सोच है और यह सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पूरा एशिया इसकी चपेट में है। यही वजह हैं कि यौन प्रताडऩा की शिकार महिलाएं अक्सर सब सहकर भी चुप रह जाती हैं। इससे दरिंदों के हौंसले और बढ़ते हैं। 
 

PunjabKesari

चीन: महिला पर ही किया जाता है संदेह
चीन में सिर्फ दो फीसदी महिलाएं ही बलात्कार के बाद कानूनी मदद मांगती हैं। इसकी वजह है वहां का सामाजिक नजरिया। वहां पीड़िता को ही संदेह की नजर से देखा जाता है। चीन में महिलाओं को कानूनी सहायता देने के लिए एनजीओ चलाने वाली प्रसिद्ध वकील और नोबेल के लिए कई बार नामित हो चुकीं गुओ जियानमेई एक ऐसे ग्रामीण बलात्कारी का किस्सा बताती हैं, जिसने गांव की सौ से ज्यादा महिलाओं से बलात्कार किया और किसी ने भी मुंह नहीं खोला। चीनी मीडिया में भी बलात्कार की समस्या पर कोई चर्चा नहीं की जाती। बीसवीं सदी के शुरू तक चीन के अंतिम राजवंश किंंग में यह परंपरा थी कि बलात्कार की शिकायत करने वाली महिला को यह साबित करना होता था कि उसने बलात्कार करने वाले का हिंसक तरीके से विरोध किया था। अगर वह इसमें असफल रहती थी तो उसे ही गैर मर्द से संबंध बनाने के लिए सजा दी जाती थी। ताइवान की शिन ह्सिन यूनिवर्सिटी के समाज मनोविज्ञानी लु त्सुन यिन के अनुसार चीन में दस में से एक बलात्कार ही सामने आता है। 

PunjabKesari

जापान: दयनीय स्थिति
चीन की तरह ही जापान में भी अगर महिला बलात्कारी पर पलटकर हमला नहीं करती तो कानून बलात्कारी को बरी कर देता है। एक ऐसे देश में जहां अपराधिक मामलों में सजा की दर 99 फीसदी है, वहां भी अधिकांश बलात्कारी आसानी से बरी हो जाते हैं। कुछ माह पहले अदालतों ने चार मामलों में बलात्कारियों को इसलिए बरी कर दिया था क्योंकि महिलाओं को नशा देकर बलात्कार किया गया और नशे में महिलाएं विरोध नहीं कर सकीं। इसके बाद जापान में महिलाओं ने ‘फ्लावर प्रोटेस्ट’ आंदोलन शुरू किया। मगर महिलाओं को कानूनी सुरक्षा के लिए कदम नहीं उठाए गए। 

PunjabKesari
 

श्रीलंका: हर तीसरा पुरुष ऐसा
श्रीलंका के विधिक सहायता आयोग की रिपोर्ट है कि दक्षिण एशिया में यौन प्रताडऩा के सबसे ज्यादा मामले श्रीलंका में ही होते हैं। संयुक्त राष्ट्र के एक अध्ययन के मुताबिक हर तीन में से एक श्रीलंकाई पुरुष यह स्वीकार करता है कि उसने जीवन में कम से कम एक बार बलात्कार किया है। वहां सबसे घातक प्रवृत्ति यह है कि पुरुष इसका अपने दोस्तों के बीच बखान करना शान की बात मानते हैं। यहां क्रूरतम तरीके से बलात्कार के मामले अक्सर सामने आते हैं। 
 

PunjabKesari

एशियाई मर्दों की सोच के बारे में बहुत कुछ बताता है यह सर्वे
 लेंसेट ग्लोबल हेल्थ जर्नल में कुछ वर्ष पहले एशिया के छह देशों के पुरुषों पर किए गए सर्वे में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई थीं। इस सर्वे में बांग्लादेश, चीन, कम्बोडिया, इंडोनेशिया, श्रीलंका और पपुआ न्यू गुइनिया के 1000 पुरुषों से बलात्कार के संबंध में सवाल पूछे गए थे। 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!