Edited By Harman Kaur,Updated: 22 Aug, 2025 05:28 PM

उत्तर प्रदेश में मानसून एक बार फिर पूरी रफ्तार में लौट आया है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि अगले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के कई जिलों में झमाझम बारिश, तेज हवाएं और बिजली गिरने की घटनाएं देखने को मिल सकती हैं। इसके चलते प्रशासन ने...
नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश में मानसून एक बार फिर पूरी रफ्तार में लौट आया है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि अगले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के कई जिलों में झमाझम बारिश, 50 किमी/घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं और बिजली गिरने की घटनाएं देखने को मिल सकती हैं। इसके चलते प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।
25 अगस्त से और तेज होगा बारिश का दौर
मौसम विभाग के अनुसार, 22 से 26 अगस्त तक उत्तर प्रदेश में लगातार मध्यम से भारी बारिश का सिलसिला चलेगा। 25 अगस्त से बारिश की तीव्रता और बढ़ने का अनुमान है, खासतौर पर पूर्वी और पश्चिमी यूपी में। आईएमडी का कहना है कि 26 अगस्त के बाद बारिश थोड़ी थमेगी और 27 अगस्त से मौसम सामान्य होने की उम्मीद है।

इन जिलों में भारी बारिश का खतरा, अलर्ट जारी
मौसम विभाग के अनुसार, अमेठी, कानपुर नगर, रायबरेली और उन्नाव में भारी बारिश, गरज-चमक और 50 किमी/घंटा की रफ्तार से चलने वाली हवाओं की संभावना है। इन इलाकों में लोगों को खुले स्थानों और खेतों से दूर रहने की सलाह दी गई है।

इन जिलों में मध्यम से तेज बारिश संभव
IMD के पूर्वानुमान के अनुसार, आजमगढ़, सुल्तानपुर, अंबेडकर नगर, जौनपुर, प्रतापगढ़, कौशांबी, फतेहपुर, अयोध्या, कानपुर देहात, लखनऊ, बाराबंकी, औरैया फर्रुखाबाद, सीतापुर, कन्नौज और हरदोई समेत कई जिलों में मध्यम से तेज बारिश होने की संभावना है।

पूर्वांचल और बुंदेलखंड के जिलों में भी बारिश का असर
गाजीपुर, बलिया, चित्रकूट, महोबा, बांदा, इटावा, आगरा, मथुरा, कासगंज, सोनभद्र, मिर्जापुर, वाराणसी, गोरखपुर, बस्ती, बहराइच, झांसी, ललितपुर, जालौन और बदायूं में हल्की से मध्यम बारिश के साथ तेज हवाएं चल सकती हैं। इन क्षेत्रों में 30 से 40 किमी/घंटा की रफ्तार से हवा चलने की चेतावनी दी गई है।
बिजली गिरने का खतरा, ग्रामीण इलाकों में सावधानी जरूरी
चित्रकूट, प्रयागराज, मीरजापुर, सोनभद्र, वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर और बलिया में बिजली गिरने और गरज-चमक का अलर्ट जारी किया गया है। प्रशासन ने ग्रामीणों से आग्रह किया है कि वे खुले मैदानों और पेड़ों के नीचे जाने से बचें।