Edited By rajesh kumar,Updated: 09 Mar, 2024 08:43 PM
AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तरी दिल्ली में सड़क पर नमाज अदा कर रहे कुछ लोगों को दिल्ली पुलिस के एक उपनिरीक्षक द्वारा 'लात' मारने की कथित घटना की निंदा की।
नेशनल डेस्क: AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तरी दिल्ली में सड़क पर नमाज अदा कर रहे कुछ लोगों को दिल्ली पुलिस के एक उपनिरीक्षक द्वारा 'लात' मारने की कथित घटना की निंदा की। असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को कहा कि इस घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए हैदराबाद के सांसद ने कहा, ''हमने वीडियो देखा। इससे साफ पता चलता है कि मुसलमानों के खिलाफ किस तरह नफरत पैदा की गई है और उस पुलिसकर्मी के मन में मुसलमानों के खिलाफ कितनी नफरत है।''
दिल्ली पुलिस के एक उपनिरीक्षक द्वारा शुक्रवार को उत्तरी दिल्ली के इंद्रलोक इलाके में सड़क पर नमाज अदा कर रहे कुछ लोगों को धक्का देने और ‘लात' मारने की घटना को लेकर सैकड़ों स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद आरोपी उपनिरीक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
घटना ने झकझोर कर रख दिया
ओवैसी ने कहा, ''इस घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। यह दर्शाता है कि मुसलमानों की कितनी गरिमा और इज्जत है। मैं प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) से पूछना चाहता हूं क्योंकि दिल्ली में कानून व्यवस्था केंद्र सरकार के अधीन है। मैं प्रधानमंत्री, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोगों से पूछना चाहता हूं कि वह व्यक्ति, जिसे ‘लात' मारी गई और अपमानित किया गया वह किस परिवार से ताल्लुक रखता है?''
मुसलमानों का इतना अपमान क्यों?
ओवैसी ने कहा कि वह जानना चाहते हैं कि देश के 17 करोड़ मुसलमानों का इतना अपमान क्यों किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ''नफरत की ऐसी घटनाएं, जिन्हें हम और पूरी दुनिया देख रही है...दुख पहुंचाती हैं।'' ओवैसी ने कहा कि वह इस तरह की घटनाओं में शामिल लोगों को ये बताना चाहेंगे कि 'ये घटनाएं हमें नमाज अदा करने से नहीं रोक पाएंगी।' एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा, ''आप लात मारें या गोलियां चलाएं....इस तरह से आप अपनी मानसिकता और नफरत दिखा रहे हैं। आपकी कार्रवाई एकतरफा है।''
केंद्र पर साधा निशाना
भाजपा नीत केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ''उस पुलिस अधिकारी को माला पहनाई जाएगी और शायद भाजपा उसे अपना उम्मीदवार भी बना दे। हम सभी जानते हैं कि उसमें (पुलिसकर्मी) इतनी हिम्मत इसलिए आई क्योंकि अब मुसलमानों के खिलाफ इस तरह का व्यवहार करना समाज के एक बड़े वर्ग के लिए गर्व की बात बन गया है।''