Edited By Parveen Kumar,Updated: 07 Aug, 2025 11:51 PM

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और बड़ी छलांग लगाते हुए भारत ने SEBEX 2 नामक एक अत्याधुनिक बम विकसित किया है। यह न सिर्फ देश के सबसे शक्तिशाली बमों में से एक है, बल्कि इसकी मारक क्षमता, तकनीकी दक्षता और सटीकता इसे विश्व स्तरीय हथियारों...
नेशनल डेस्क: रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और बड़ी छलांग लगाते हुए भारत ने SEBEX 2 नामक एक अत्याधुनिक बम विकसित किया है। यह न सिर्फ देश के सबसे शक्तिशाली बमों में से एक है, बल्कि इसकी मारक क्षमता, तकनीकी दक्षता और सटीकता इसे विश्व स्तरीय हथियारों की कतार में खड़ा करती है। स्वदेशी तकनीक से निर्मित यह बम भारत की सुरक्षा तैयारियों को नई ऊंचाई देता है और यह दर्शाता है कि भारत अब केवल उपभोक्ता नहीं, बल्कि रक्षा तकनीक का निर्माता भी बन चुका है। आइए जानतें इसकी खासियतें...
प्रमुख विशेषताएं
विकास एवं तकनीक: SEBEX 2 को नागपुर स्थित Economic Explosives Limited (Solar Industries की सहायक कंपनी) ने “Make in India” पहल के तहत विकसित किया है। यह विस्फोटक उच्च-पिघलने वाले HMX पर आधारित है, जो वारहेड, बम और तोपखाने की मारक क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि करता है।
प्रमाणन: इसे भारतीय नौसेना के Defence Export Promotion Scheme के तहत कड़े परीक्षणों के बाद प्रमाणित किया गया है। अंतिम प्रमाणन हाल ही में पूरा हुआ है।
अन्य विकसित विस्फोटक
SEBEX 2 का अगला संस्करण: EEL इस समय एक और संस्करण पर काम कर रही है, जिसकी शक्ति TNT से 2.3 गुना अधिक होगी। इसे अगले 6 महीने में तैयार करने की योजना है।
SITBEX 1: एक थर्मोबैरिक विस्फोटक है, जो लंबे विस्फोटकाल और तीव्र ताप उत्पन्न करता है। यह दुश्मन के बंकर, सुरंग और मज़बूत ठिकानों को ध्वस्त करने में प्रभावी है।
SIMEX 4: एक Insensitive Munition, यानी अत्यधिक सुरक्षित विस्फोटक, जो भंडारण, परिवहन और संचालन में दुर्घटनाओं का जोखिम बहुत कम करता है। यह विशेष रूप से सबमरीन जैसे संकीर्ण स्थानों में उपयोगी है।
प्रभाव और अंतरराष्ट्रीय संदर्भ
रणनीतिक लाभ: SEBEX 2 जैसे विकसित विस्फोटकों से हथियारों की मारक क्षमता और दक्षता में भारी सुधार होगा, जिससे भारतीय सुरक्षा बलों की शक्ति बढ़ेगी। यह आत्मनिर्भरता के लक्ष्य की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम है।
निर्यात संभावना: इन विस्फोटकों को वैश्विक रक्षा बाजार में निर्यात करने की संभावना भी जताई गई है, जिससे रक्षा क्षेत्र में भारत की प्रतिष्ठा और आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।