Edited By Mansa Devi,Updated: 11 Dec, 2025 03:30 PM

भारतीय रेलवे लगातार अपनी सेवाओं का दायरा बढ़ा रहा है, और अब यात्रियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। रेलवे ने लंबे समय से चर्चित वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को तैयार कर लिया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में जानकारी दी कि इस अत्याधुनिक...
नेशनल डेस्क: भारतीय रेलवे लगातार अपनी सेवाओं का दायरा बढ़ा रहा है। अब यात्रियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। रेलवे ने लंबे समय से चर्चित वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को तैयार कर लिया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में जानकारी दी कि इस अत्याधुनिक स्लीपर ट्रेन के दो रैक बनकर तैयार हो चुके हैं और वर्तमान में ट्रायल व कमीशनिंग प्रक्रिया से गुजर रहे हैं।
कोरोना महामारी से पहले जहां देश में रोजाना लगभग 11,283 ट्रेनें चलती थीं, वहीं नवंबर 2025 तक यह संख्या बढ़कर 11,740 पहुंच गई है। मेल और एक्सप्रेस सेवाओं में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो अब प्रतिदिन 2,238 ट्रेनों के साथ संचालित हो रही हैं। इसी विस्तार के बीच वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को रेलवे अपने भविष्य के प्रीमियम सफर का अहम हिस्सा मान रहा है। अभी भारतीय रेल नेटवर्क पर 164 वंदे भारत चेयर कार सेवाएं पहले से ही चल रही हैं, जो इस परियोजना की सफलता को दिखाती हैं।
सुरक्षा विशेषताओं से लैस होंगी वंदे भारत स्लीपर ट्रेन
वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को सुरक्षा और तकनीक के स्तर पर और भी उन्नत बनाया गया है। इस ट्रेन में भारतीय रेलवे की प्रतिष्ठित कवच सुरक्षा प्रणाली शामिल होगी, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना काफी कम हो जाती है। ट्रेन को 180 किमी प्रति घंटा की डिजाइन स्पीड पर तैयार किया गया है, जबकि संचालन गति 160 किमी प्रति घंटा रखी गई है। इसकी कारबॉडी क्रैश-वर्दी तकनीक पर आधारित है और ट्रेन EN मानकों का पालन करती है। आग से सुरक्षा के लिए EN-45545 HL3 जैसे उच्च मानक अपनाए गए हैं, साथ ही हर कोच में फायर बैरियर दरवाजे और उन्नत डिटेक्शन एवं सप्रेशन सिस्टम लगाए गए हैं। रीजेनरेटिव ब्रेकिंग तकनीक ट्रेन को ऊर्जा दक्ष भी बनाती है।
ट्रेन में कई तरह की होगी सुविधा
सुविधाओं के मामले में वंदे भारत स्लीपर यात्रियों को एक बिल्कुल नया अनुभव देने वाली है। ट्रेन में UV-C लैम्प पर आधारित डिसइन्फेक्शन सिस्टम लगाया गया है, जिससे कोचों को लगातार सुरक्षित और स्वच्छ रखा जा सके। पूरी ट्रेन में आधुनिक एयर कंडीशनिंग, सेंटरली कंट्रोल्ड ऑटोमैटिक प्लग डोर्स और चौड़े सील्ड गैंगवे जैसी खूबियां शामिल हैं। हर कोच में CCTV की निगरानी होगी, जबकि इमरजेंसी टॉक-बैक यूनिट यात्रियों को जरूरत पड़ने पर तुरंत सहायता लेने में मदद करेगी। कोचों में एक सेंट्रलाइज्ड मॉनिटरिंग सिस्टम भी होगा, जो यात्रा के दौरान सभी सुविधाओं को नियंत्रण में रखेगा। ऊपरी बर्थ तक चढ़ने के लिए एर्गोनॉमिक सीढ़ियां जोड़ी गई हैं और दिव्यांग यात्रियों के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए शौचालय उपलब्ध होंगे।