Edited By rajesh kumar,Updated: 04 Jun, 2021 05:33 PM
नीति आयोग के सदस्य वीके सारस्वत ने कहा कि भारत ने कोविड-19 की दूसरी लहर का सामना काफी अच्छी तरह से किया और इसलिए संक्रमण के नए मामलों की संख्या में काफी कमी आई है। साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि तीसरी लहर से निपटने के लिए भी तैयारियां पूरी...
नेशनल डेस्क: नीति आयोग के सदस्य वीके सारस्वत ने कहा कि भारत ने कोविड-19 की दूसरी लहर का सामना काफी अच्छी तरह से किया और इसलिए संक्रमण के नए मामलों की संख्या में काफी कमी आई है। साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि तीसरी लहर से निपटने के लिए भी तैयारियां पूरी होनी चाहिए, जिससे युवा आबादी के अधिक प्रभावित होने की आशंका है।
सितम्बर-अक्टूबर से कोविड-19 की तीसरी लहर
सारस्वत ने कहा कि भारत के महामारी विशेषज्ञों ने बहुत स्पष्ट संकेत दिए हैं कि कोविड-19 की तीसरी लहर अपरिहार्य है और इसके सितम्बर-अक्टूबर से शुरू होने की आशंका है। इसलिए देश को अधिक से अधिक लोगों का टीकाकरण करना चाहिए। सारस्वत ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि हमने काफी हद तक अच्छा किया है। हमने कोविड-19 की दूसरी लहर का अच्छी तरह सामना किया और यह उसी का परिणाम है कि संक्रमण के नए मामले काफी कम हो रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हमारी वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी गतिविधियों की मदद, ऑक्सीजन बैंक बनाना, बड़ी संख्या में ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए उद्योग स्थापित कर, हम महामारी से निपटने में कामयाब रहे। रेलवे, हवाईअड्डों, सैन्य बल का इस्तेमाल तरल ऑक्सीजन को ले जाने के लिए किया जा रहा है।’’ देश में पहले चार लाख से अधिक रोजाना मामले सामने आ रहे थे, लेकिन पिछले कुछ दिनों में संक्रमण के नए मामलों की संख्या गिर कर लगभग 1.3 लाख पर आ गई है।
कोविड-19 से निपटने का प्रबंधन शानदार
सारस्वत ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी की पहली लहर के दौरान भी भारत का प्रबंधन अच्छा था और उसने ही देश को वैश्विक महामारी की दूसरी लहर को नियंत्रित करने का आत्मविश्वास भी दिया। उन्होंने कहा, ‘‘ हमारा कोविड-19 की दूसरी लहर से निपटने का प्रबंधन शानदार था, जिसे हम आपातकालीन प्रबंधन कहते हैं।’’
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार सुबह आठ बजे जारी किए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, भारत में कोरोना वायरस के एक दिन में 1,32,364 नये मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2,85,74,350 हो गई, जबकि मरीजों के संक्रमण मुक्त होने की दर 93 प्रतिशत के पार चली गई है।