भारत-फ्रांस अंतर्राष्ट्रीय कानून बनाए रखने के लिए मिलकर कर रहे काम : जयशंकर

Edited By Tanuja,Updated: 24 Feb, 2022 05:37 PM

india france working together to uphold international law

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि फ्रांस के साथ भारत के संबंध विश्वास पर आधारित हैं और यह ऐसा रिश्ता है जो अन्य मामलों में ...

 इंटरनेशनल डेस्कः विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि फ्रांस के साथ भारत के संबंध विश्वास पर आधारित हैं और यह ऐसा रिश्ता है जो अन्य मामलों में देखे गए अचानक बदलावों से मुक्त रहा है।पेरिस में एक थिंक टैंक में दिए संबोधन में जयंशकर ने कहा कि भारत और फ्रांस हिंद-प्रशांत क्षेत्र में देशों के लिए बेहतर विकल्प पैदा करने और उन्हें संप्रभु बनाने का इरादा रखते हैं और उन्हें न तो कभी किसी वर्चस्व के अधीन रखना चाहिए और न ही इस बनाम उस की शक्ति प्रतिस्पर्धा में फंसाना चाहिए। जयशंकर ने कहा कि भारत-फ्रांस अंतर्राष्ट्रीय कानून बनाए रखने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।

 

उन्होंने कहा कि भारत रक्षा और उद्योग के क्षेत्रों में फ्रांस को एक अहम साझेदार के तौर पर देखता है तथा भारत में सहयोगात्मक रक्षा उद्यमों के लिए ‘‘महत्वाकांक्षी विचारों’’ को तलाशा जा रहा है जो हिंद-प्रशांत में भी साझा हितों का समर्थन करेंगे। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत समुद्री क्षेत्र से लेकर अंतिरक्ष और साइबर से लेकर महासागरों तक में सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए फ्रांस को विश्वस्त भागीदार के तौर पर देखता है।

 

उन्होंने मंगलवार को ‘फ्रेंच इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल रिलेशंस’ में कहा, ‘‘हमारे दौर के उथल पुथल से गुजरते हुए भारत के फ्रांस के साथ संबंध स्थिरता के साथ बढ़ रहे है। यह ऐसा रिश्ता है जो अचानक आए बदलावों से मुक्त है जो कई बार हमने दूसरे मामलों में देखा है।’’ जयशंकर ने कहा, ‘‘भारत में रिश्तों में विश्वास और आत्म विश्वास की बड़ी भावना है। यह इसकी महत्ता पर दृढ़ राजनीतिक सहमति से लाभान्वित है। मुझे लगता है कि हमने फ्रांस में भी यही देखा है।’’

 

उन्होंने कहा कि फ्रांस अहम मुद्दों पर अपना रुख रखने से कभी नहीं हिचकिचाता और हठधर्मिता न होने से भारत जैसे उभरती शक्ति के साथ मजबूत भागीदारी बनाने में मदद मिली है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने यह देखा, उदाहरण के लिए जब भी वैश्विक परमाणु व्यवस्था में भारत को स्थान देने जैसे जटिल मुद्दो की बात आती है।’’

 

यूरोपीय संघ से भारत को जोड़ने के लिए फ्रांस को एक ‘‘महत्वपूर्ण सेतु’’ बताते हुए जयशंकर ने कहा कि व्यापार और निवेश पर भारत तथा यूरोपीय संघ के बीच बातचीत शुरू करने के लिए आज फ्रांस से सहयोग की उम्मीद की जाती है। उन्होंने कहा कि फ्रांस उन देशों में से एक है जिनके साथ भारत प्राथमिकता के आधार पर रक्षा क्षेत्र में औद्योगिक आत्म निर्भरता बनाना चाहता है।

 

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