Edited By Tanuja,Updated: 18 Nov, 2020 10:21 AM
भारत के राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) राजेश पंत का मानना है कि साइबर सुरक्षा के लिए चीन देश के लिए ...
इंटरनेशनल डेस्कः भारत के राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) राजेश पंत का मानना है कि साइबर सुरक्षा के लिए चीन देश के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। पंत ने सोमवार को कहा कि मौजूदा माहौल में साइबर हमलों में कई गुना बढ़ोत्तरी हुई है। रोजाना चार लाख से भी अधिक मालवेयर (वायरस) का पता लगाया जाता है और 375 साइबर हमलों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा, ‘‘ इस तरह के अभूतपूर्व समय में लोगों का कहना है कि हमें डबल ‘सी’ (अंग्रेजी वर्णमाला का तीसरा अक्षर) की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
एक कोरोना वायरस और दूसरा साइबर, लेकिन मेरे हिसाब से हमें तीन ‘सी’ की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। तीसरा ‘सी’ हमारा उत्तर का पड़ोसी देश है।’’ उन्होंने कहा कि वॉयस कॉल के माध्यम से की जाने वाली धोखाधड़ी के अलावा लोगों को क्लिक बेट्स से भी सावधान रहना चाहिए क्योंकि इस तरह के लिंक को इंटरनेट उपयोक्ता की जानकारी चुराने में इस्तेमाल किया जाता है।
उन्होंने क्लिक करने की आदत को कंप्यूटर में मालवेयर आने देने का प्रमुख कारण बताया। इस संदर्भ में उन्होंने हाल में सिटी यूनियन बैंक, बांग्लादेश बैंक और कॉसमॉस बैंक की घटनाओं का अध्ययन करने के लिए भी कहा। पंत ने कहा कि खतरा हमेशा बना रहेगा, इसका समाधान सिर्फ एक है निजी तौर पर साइबर स्वच्छता का ध्यान रखना और प्रौद्योगिकी कदम उठाना।